नई दिल्ली: Explainer On Over Taking Gaza By Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को लेकर अपने प्लान का खुलासा कर दिया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद ट्रंप ने गाजा को लेकर अपनी रणनीति लोगों के सामने रखी. ट्रंप ने गाजा के लोगों को विस्थापित करने और इसे अमेरिका के अधीन लेने की बात कही है. अब चर्चा ये हो रही है कि ट्रंप गाजा के प्लान को लागू कर पाएंगे या नहीं.
4 पॉइंट्स में समझें ट्रंप का गाजा प्लान
1. गाजा पर कंट्रोल: ट्रंप का कहना है कि अमेरिका गाजा पट्टी को अपने कंट्रोल में ले लेगा. यहां विकास कार्य करेगा, नष्ट हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण करेगा.
2. फिलिस्तीनियों का पुनर्वास: ट्रंप का सुझाव दिया है कि गाजा में रह रहे फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देश जॉर्डन और मिस्र में पुनर्वास करना चाहिए. गाजा की बजाय फिलिस्तीनियों को कहीं और नए घर और नौकरियां दी जाएं.
3. आर्थिक विकास: ट्रंप की योजना है कि गाजा पट्टी को आर्थिक रूप से विकसित किया जाना चाहिए. लोगों को नौकरियां और आवास मिलने चाहिए.
4. सुरक्षा व सैन्य उपस्थिति: ट्रंप ने गाजा में अमेरिकी सेना की तैनाती की बात भी कह डाली है. ट्रंप ने कहा कि जरूरत पड़ी तो गाजा में सुरक्षा के लिए अमेरिका सैनिक तैनात कर सकता है.
ट्रंप कर रहे हवा-हवाई बातें?
मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के यूएस फॉरेन पॉलिसी में सीनियर फेलो ब्रायन कैटुलिस ने इस बारे में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात की. उनका मानना है कि ट्रंप के पास गाजा को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं है. वह केवल हवा-हवाई बातें कर रहे हैं. ट्रंप केवल उकसाऊ बयानों से सबका ध्यान खींचते हैं, वह पहले कार्यकाल में ही ऐसा कर चुके हैं.
ट्रंप का 'गाजा प्लान' लागू होना क्यों जटिल?
ट्रंप का 'गाजा प्लान' लागू होना बहुत जटिल है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रंप को कई जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है. चलिए, समझते हैं...
अंतरराष्ट्रीय कानून: अंतरराष्ट्रीय कानून किसी भी इलाके की आबादी को जबरन विस्थापित किए जाने के सख्त खिलाफ है, ऐसा करने पर पाबंदी है. किसी भी कब्जे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनुमोदित करना जरूरी है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सहित कई संस्थाओं की सहमति जरूरी है.
कूटनीतिक विरोध: अरब देश ट्रंप के इस विचार से असहमत हैं. जॉर्डन और मिस्र ने गाजा के लोगों को अपने यहां जगह देने से इनकार कर दिया है. कोहिमा में हुई बैठक में कई मुस्लिम देशों ने ट्रंप के इस सुझाव को खारिज करते हुए संयुक्त रूप से इसकी मुखालफत की.
राजनीतिक विरोध: ट्रंप के खुद के देश यानी अमेरिका में भी इस प्लान का विरोध हो सकता है. विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनियर क्रिस मर्फी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'गाजा में अमेरिका का आक्रमण करना हमारे हजारों सैनिकों के लिए कत्लेआम होगा. मिडिल ईस्ट में दशकों तक चलने वाले नए युद्ध की शुरुआत होगी. यह (ट्रंप का गाजा प्लान) एक खराब विचार है.' पहले ट्रंप को अपने देश में इसको लेकर सहमति बनानी होगी.
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