US Birthright Citizenship : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का खौफ ऐसा है कि अमेरिका में भारतीय मांएं अपने अजन्मे बच्चे की जान जोखिम में डालकर 7-8 महीने में ही सी-सेक्शन करवा रही हैं. ताकि जल्द से जल्द बच्चे को जन्म दे सकें.
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Indian immigrants in US: अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने जो घोषणाएं की हैं, उसके चलते दुनिया भर में तहलका मचा हुआ है. क्योंकि ट्रंप की घोषणाओं का असर दुनिया के कई देशों और उनके नागरिकों पर होगा. इसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. अभी तक अमेरिका के कानून के मुताबिक वहां जन्म लेने वाला हर शख्स अमेरिकी नागरिक होता था, यानी कि उसे जन्मजात अमेरिकी नागरिकता मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ट्रंप ने Birthright citizenship के अधिकार को बदलने के आदेश पर दस्तखत भी कर दिए हैं.
30 दिन बाद जन्मे बच्चों को नहीं मिलेगा US की नागरिकता
30 दिन बाद अमेरिका में जन्मे बच्चों की नागरिकता को लेकर नया नियम लागू हो जाएगा और अमेरिकी प्रशासन नई शर्तों के साथ ही ऐसे बच्चों को नागरिकता देगा, जिनको पूरा कर पाना गैर अमेरिकी नागरिकों के लिए बहुत मुश्किल साबित होगा. इससे अमेरिका में रहे रहे भारतीय समेत दुनिया भर के अप्रवासियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है.
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प्री-मैच्योर डिलीवरी करवा रही महिलाएं
ट्रंप की इस घोषणा ने अप्रवासी परिवारों को चिंता में डाल दिया है. भारतीय गर्भवती मांएं 30 दिन की समयसीमा खत्म होने से पहले सी-सेक्शन के जरिए अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं ताकि उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाए और वे अमेरिका में रहना जारी रख सकें. इसके चलते अमेरिका के कई अस्पतालों में बड़ी संख्या में भारतीय मांएं जल्द सी-सेक्शन करवाने की रिक्वेस्ट कर रही हैं, जो कि उनके और उनके अजन्मे बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है.
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सबसे ज्यादा समस्या भारतीयों को
चूंकि एच1बी वीजा होल्डर्स में 70 फीसदी से ज्यादा भारतीय हैं और ट्रंप एच1बी वीजा को लेकर भी नियम सख्त करने जा रहे हैं, ऐसे में भारतीयों के पास भविष्य में अमेरिका में रहने के लिए बच्चा पैदा करने के सिवाय कोई और चारा ही नहीं बचा है.
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अमेरिका में रहने का यही तरीका
मां और बच्चे के लिए जोखिम के बावजूद, कई लोगों को लगता है कि स्थिरता पाने के लिए और अमेरिका में रहने के लिए उनके पास यही एक मौका है. खासकरके ऐसे लोग जो लंबे समय से ग्रीन कार्ड पाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. नीति में बदलाव का अवैध अप्रवासियों और एच-1बी वीजा धारकों दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
7वें-8वें महीने में ही डिलेवरी करवा रही हैं
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार न्यूजर्सी के हॉस्पिटल में भारतीय मांएं गर्भावस्था के 7वें, 8वें और 9वें महीने में हैं वे सभी 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन करवाने के लिए कह रही हैं, जबकि उनकी डिलीवरी की तारीख में अभी कुछ महीनों का समय है. लेकिन 20 फरवरी के बाद जन्मे बच्चों को ऑटोमेटिक अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी, इस डर से अभिभावक बनने जा रहे पैरेंट्स भारी चिंता में हैं और हताशा महसूस कर रहे हैं.
ढेरों बीमारियों के साथ जन्मेंगे बच्चे
टेक्सास में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ एस जी मुक्कला ने बताया, "पिछले 2 दिनों में मैंने ऐसे 15 से 20 कपल्स से इस संबंध में बात की है. साथ ही मैंने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि भले ही सी-सेक्शन करना संभव है लेकिन समय से पहले बच्चे का जन्म मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद रिस्की है. ऐसे प्री-मैच्योर बच्चे अविकसित फेफड़े, भोजन संबंधी समस्याएं, जन्म के समय कम वजन, तंत्रिका संबंधी जटिलताएं समेत कई शारीरिक समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.''
वहीं ऐसे कपल भी खासी चिंता में हैं जो अगले 2 से 4 महीनों में अभिभावक बनेंगे क्योंकि उनका ना तो अमेरिका में रहने मिलेगा और यहां से जाकर वे बच्चे की नई जिम्मेदारी के साथ कैसे और कहां अपना जीवन गुजारेंगे, ये उनके सामने सबसे बड़ा सवाल है? ऐसे ही एक कपल ने कहा कि हमें ऐसा लग रहा है कि हमारे लिए सारे दरवाजे बंद हो गए हैं.