Mpox Outbreak in Sierra leone: अफ्रीकी देश सिएरा लियोन में एमपॉक्स के मामले देखे गए हैं. वहां की सरकार ने वायरस की पुष्टि होते ही पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. इसके लेकर देशभर में टेस्टिंग की घोषणा भी कर दी गई है.
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Mpox Outbreak in Sierra leone: पश्चिमी अफ्रीकी देश सिएरा लियोन ने देश में एमपॉक्स वायरस के 2 मामले रिपोर्ट होने पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. यह घोषणा पश्चिमी अफ्रीकी देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार 13 जनवरी 2025 को की गई जब जब यहां इस घातक वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि की गई.
सिएरा लियोन में पब्लिक इमरजेंसी
'अल जजीरा' की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिएरा लियोन के स्वास्थ्य मंत्री ऑस्टिन डेंबी ने बताया कि देश में एमपॉक्स के 2 मामलों की पुष्टि ने उन्हें पब्लिक हेल्थ एक्ट के तहत तुरंत कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा,' सिएरा लियोन की सरकार की तरफ से मैं पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करता हूं.' बता दें कि सिएरा लियोन में पिछले साल एमपॉक्स के मामले की पुष्टि होने के बाद पब्लिक हेल्थ इमरेजेंसी घोषित की गई थी. इसके बाद अब सीधा इस साल पिछले हफ्ते ही पहली बार एमपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया.
वायरस को लेकर कड़े नियम
'नेशनल पब्लिक हेल्थ एजेंसी' के मुताबिक सिएरा लियोन में एमपॉक्स का दूसरा मामला 6 जनवरी 2025 को कंफर्म किया गया जब 21 साल के एक व्यक्ति में इसके लक्षण दिखाई दिए गए. स्वास्थ्य और स्वच्छता मंत्रालय के मुताबिक एमपॉक्स के इन दोनों मामलों में एक भी ऐसा मामला नहीं देखा गया है, जिसमें व्यक्ति किसी बीमार या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो. सिर्फ एक मामले में संक्रमित की फिलहाल की ट्रेवल हिस्ट्री देखी गई है. वायरस को लेकर स्वास्थय मंत्री ने बॉर्डर पर निगरानी रखने, टेस्टिंग करने और जागरुकता अभियान चलाने की घोषणा की है.
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क्या है एमपॉक्स वायरस?
बता दें कि एमपॉक्स स्मॉलपॉक्स की ही फैमिली का एक वायरस है, जिसमें व्यक्ति को तेज बुखार के साथ ही त्वचा में चकत्ते पड़ने लगते हैं. वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान पहली बार साल 1958 में की थी जब बंदरों में पॉक्स जैसी बीमारियां का प्रकोप फैला था. इंसानों में अभी तक इसके ज्यादातर मामले मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उन व्यक्तियों में देखा गया, जिनका संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क था. साल 2022 में पहली बार इस वायरस के संभोग के जरिए फैलने की पुष्टि हुई थी. उस वक्त तक दुनियाभर के 70 से अधिक देशों में यह फैलना शुरू हो गया था, जहां पहले इस वायरस की कोई सूचना नहीं थी.