Delhi Assembly Elections 2025:
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Arvind Kejriwal Vs Yogi Adityanath: एक तरफ दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं और दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच चुनाव प्रचार की सीधी टक्कर, दिल्ली विधानसभा चुनाव की सारी समीकरणें बदल देगी. ऐसा इसीलिए क्यों कि योगी का ट्रैक रिकॉर्ड है कि एक नारा और चुनाव का गेम चेंज. योगी के इसी नारे पर सीधा निशाना साधा अरविंद केजरीवाल ने. यानी राउंड वन हो चुका है. अब बारी है राउंड टू कि जिसमें जवाब देने की बारी होगी योगी आदित्यनाथ की. स्टार प्रचारकों की लिस्ट में योगी का नाम आ चुका है. ऐसे में बहुत जल्द दिल्ली के रण में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर आएगे. ऐसे में उनके समर्थकों को लगता है कि जब योगी आएंगे तो इस चुनावी मैच का रिजल्ट फिक्स कर देगें.
योगी-केजरीवाल के बीच वाक युद्ध
दिल्ली में होगा सबसे बड़ा मुकाबला जब योगी-केजरीवाल होंगे आमने-सामने. दिल्ली में सबकी जुबान में बस एक सवाल है कि पूर्व मुख्यमंत्री
केजरीवाल के पास, योगी आदित्यनाथ के नारे की काट है या नहीं?
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बंटेंगे तो कटेंगे नारा होगा हिट होगा या फ्लॉप?
दिल्ली की राजनीति में अब असली चुनावी घमासान शुरू होने वाला है. क्योंकि बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ जल्द ही दिल्ली में चुनाव प्रचाऱ के महासमर ने उतरने वाले हैं. हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि अपने फायरब्रांड और यूनिक चुनावी नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' से हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत की पटकथा लिखने वाले योगी के लिए हालांकि दिल्ली की राह आसान नहीं होने वाली है, क्योंकि केजरीवाल भी पूरी तरह तैयार हैं.
योगी कोई फैक्टर नहीं: केजरीवाल
सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके नारे को केजरीवाल कोई मुद्दा नहीं मान रहे. हालांकि केजरीवाल को भी पता है कि योगी चुनावी माहौल में अपना असर डालते हैं, जीत-हार का समीकरण बनाते हैं. केजरीवाल और योगी की चुनावी लड़ाई का पहला अध्याय 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था.
भले ही झारखंड में योगी फैक्टर ने बहुत असर नहीं डाला हो, लेकिन यूपी उपचुनाव, हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में योगी और उनके नारों ने चुनाव का मूड-माहौल भी बदला और नैरेटिव भी. हालांकि दिल्ली में योगी के लिए केजरीवाल से लड़ाई आसान नहीं है क्योंकि
केजरीवाल का अपना एक वोटबैंक है जो बेहद मजबूत है, केजरीवाल खुद सीएम का चेहरा हैं और सीएम के तौर लोकप्रिय रहे हैं. केजरीवाल ने कई मुफ्त योजनाओं का ऐलान किया है, साथ ही हिंदू वोटर्स को सीधे टारगेट कर रहे हैं. वहीं योगी आदित्यनाथ का आक्रामक चुनाव प्रचार नैरेटिव बदल देता है, अपनी एक्शन से दूसरे राज्यों में भी बेहद लोकप्रिय, दिल्ली में 35 सीटों पर पूर्वांचली वोटर्स बेहद अहम हैं, कट्टर हिंदुत्व नेता वाली छवि से वजह से हिंदू वोटर्स को एकजुट कर देते हैं.
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हालांकि विपक्ष को लगता है कि योगी कुछ नहीं कर पाएंगे. भले ही विपक्ष कुछ भी कहे बीजेपी को पता है कि योगी फैक्टर दिल्ली जीत की राह आसान बना देगा. कहा जा रहा है कि लगातार रिकॉर्ड सीटें जीतकर सरकार बना रहे केजरीवाल का रास्ता रोकने के लिए और बीजेपी के लिए बीते 27 वर्षों का दिल्ली का राजनीतिक वनवास खत्म करने के लिए लिए योगी पूरी तैयारी में हैं और परदे के पीछे सच ये है कि केजरीवाल भी योगी आदित्यनाथ को हल्के में नहीं ले रहे हैं.