Hamas in Pakistan: इजरायल के बाद हमास अब भारत की तरफ टेढ़ी नजरों से देख रहा है. ये हम नहीं कर रहे बल्कि दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमास और पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुपों ने कश्मीर के लिए हाथ मिला लिया है.
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Hamas on Kashmir: जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक प्रोग्राम में लश्कर-ए-तैयबा और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ मंच शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपना 'दुश्मन' ऐलान कर दिया है. इस प्रोग्राम का एक कथित वीडियो वायरल हुआ है, हालांकि Zee News इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वीडियो को लेकर भारतीय एजेंसियां अलर्ट मोड में चली गई हैं. जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक नेता को कश्मीर की लड़ाई के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) चाहती है कि हमास कश्मीर के लिए जैश-ए-तैयबा के साथ मिलकर लड़े.जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हमास ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रावलकोट में एक कार्यक्रम में मंच साझा किया. अपने भाषण के दौरान जैश नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे कश्मीर की लड़ाई में एक साथ हैं और मोदी और शाह उनके दुश्मन हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि वीडियो में जैश के बंदूकधारियों को हमास नेताओं की सुरक्षा करते हुए मंच पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह इलाके की सुरक्षा गतिशीलता में एक चिंताजनक घटनाक्रम है. सूत्रों के मुताबिक यह इलाके की सुरक्षा के लिए चिंताजनक है. इन संगठनों का गठबंधन उनकी रणनीतियों में बदलाव का संकेत हो सकता है, जिससे उनके हमले पारंपरिक इलाकों से बाहर भी फैल सकते हैं.
रिपोर्ट्स में आगे कहा कि इस तरह का सहयोग दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा सकता है और जम्मू-कश्मीर व पाकिस्तान के बाहर भारत के खिलाफ बयानबाजी को बढ़ावा दे सकता है. उन्होंने कहा कि इन समूहों के एक साथ आने से सीमा पार आतंकवाद बढ़ सकता है, खासकर जम्मू-कश्मीर में. उन्होंने आगे कहा कि यह वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है, क्योंकि इन समूहों ने ऐतिहासिक रूप से नागरिकों को निशाना बनाया है और बड़े पैमाने पर हमले किए हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर जैश और लश्कर जैसे ग्रुपों को महफूज पनाहगाह और समर्थन प्रदान करने का आरोप लगाया गया है. अगर हमास अब पीओके में काम कर रहा है, तो यह आतंकवादी गतिविधि को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भागीदारी का बड़ा इशारा सकता है. उन्होंने कहा कि हमास ने इजरायल-फिलिस्तीन जंग पर ध्यान केंद्रित किया है लेकिन अतीत में दक्षिण एशियाई आतंकवादी समूहों के साथ उनके सीमित संपर्क की खबरें आई हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का गठबंधन एक अहम घटनाक्रम है.