China Space Station: चीन ने हाल ही में स्पेस अभियानों में ऑक्सीजन और ईधन पैदा करने की बड़ी चुनौती को हल कर लिया है. इसके लिए र्टिफिशियल फोटोसिंथेसिस की टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया.
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China Space Station: दुनियाभर के कई देश अंतरिक्ष में लंबे अभियानों को लेकर रिसर्च कर रहे हैं. लंबे अभियानों को संभव बनाने के लिए अंतरिक्ष में ईधन और ऑक्सीजन पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती होती है. वहीं अब चीन ने अपना दमखम दिखाते हुए तियानगोंग स्पेस स्टेशन में ही ऑक्सीजन जनरेट करने और रॉकेट फ्यूल के लिए तत्वों को बनाने में सफलता हासिल की है.
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आर्टिफिशियल फोटोसिंथेसिस का किया इस्तेमाल
चीन ने ऑक्सीजन और ईधन के लिए आर्टिफिशियल फोटोसिंथेसिस की टेक्नीक का इस्तेमाल किया. चीन के Shenzhou 19 क्रू के सदस्यों की ओर से हासिल की गई इस सफलता ने भविष्य में लंबे अंतरिक्ष यानों के लिए मार्ग खोल दिया है. 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक यह तकनीक चीन को साल 2030 तक चीनी यात्रियों को चांद पर उतारने के लिए मददगार साबित हो सकती है.
पानी को ऑक्सीजन में किया कन्वर्ट
क्रू के सदस्यों ने इस तकनीक के लिए सेमीकंडक्टर से लैस एक ड्रॉअर की आकार के डिवाइस में 12 एक्सपेरिमेंट किए. इस सेटअप ने कार्बनडाइऑक्साइड और पानी को ऑक्सीजन में कन्वर्ट किया. साथ ही इसने रॉकेट में ईधन का काम करने वाले ईथीलीन नाम के हाइड्रोकार्बन को भी प्रोड्यूस किया.
भविष्य में काम आएगी टेक्नीक
Shenzhou 19 क्रू मेंमबर्स ने इस बात पर खास ध्यान दिया है कि यह टेक्नीक स्पेस में भविष्य के अभियान और इंसानों के रहने के लिए खास उपयोगी साबित होगी. इससे पहले इंटरनेश्नल स्पेस स्टेशन में फोटोसिंथेसिस का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष में पौधों को उगाने जैसा एक्सपेरिमेंट किया गया है. बता दें कि स्पेस स्टेशन में सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली हुई का इस्तेमाल कर पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में ब्रेक करना होता है. इससे अंतरिक्ष यात्री को सांस लेने के लिए हवा भी मिलती है.