भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक धाकड़ क्रिकेटर ऐसा रहा है, जिसने अपने इंटरनेशनल करियर की धमाकेदार शुरुआत की थी. चंद मैचों में कामयाबी उसके कदम चूमने लगी थी, लेकिन विवादों ने इस खिलाड़ी का करियर निगल लिया.
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भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक धाकड़ क्रिकेटर ऐसा रहा है, जिसने अपने इंटरनेशनल करियर की धमाकेदार शुरुआत की थी. चंद मैचों में कामयाबी उसके कदम चूमने लगी थी, लेकिन विवादों ने इस खिलाड़ी का करियर निगल लिया. अगर इस बल्लेबाज का करियर असमय खत्म नहीं होता तो आज क्रिकेट के हर बड़े रिकॉर्ड्स उसकी झोली में होते. हम बात कर रहे हैं पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की. आज वह अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं.
चंद मैचों में खत्म हो गया करियर
हर क्रिकेटर के अरमान होते हैं कि वह एक बार अपने देश के लिए क्रिकेट जरूर खेले, लेकिन इनमें से कुछ ही खुशकिस्मत खिलाड़ी लंबा खेल पाते हैं. विनोद कांबली का क्रिकेट करियर वक्त से पहले ही खत्म हो गया. विनोद कांबली भारत के एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन 17 टेस्ट मैच और 104 वनडे के बाद ही विनोद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया.
सचिन के साथ रच दिया था इतिहास
स्कूली क्रिकेट में विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर के बीच 664 रनों की पार्टनरशिप हुई थी. इसके बाद ये दोनों खिलाड़ी सुर्खियों में आ गए थे. 1996 के वर्ल्ड कप में भारत अपमानजनक ढंग से टूर्नामेंट से बाहर हुआ. कोलकाता में चल रहे सेमीफाइनल में जब भारत की हार देखकर लोगों ने मैदान पर बोतलें और अन्य सामान फेंकना शुरू किया, तब कांबली बल्लेबाजी कर रहे थे. श्रीलंका की टीम पवेलियन लौट आई. श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया और कांबली मैदान से आंसुओं के साथ पवेलियन लौटे. महज 28 साल की उम्र में विनोद कांबली ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला और उनके टीम में वापसी के रास्ते बंद हो गए.
ऑफ-फील्ड कहानियों के लिए प्रसिद्ध
विनोद कांबली वैसे भी अपनी ऑफ-फील्ड कहानियों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं. विनोद कांबली ने अपनी बचपन की दोस्त नोएला लुईस से 1998 में शादी की थी. हालांकि उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चल सकी, क्योंकि उन्हें पूर्व मॉडल एंड्रिया हेविट से प्यार हो गया था. विनोद कांबली का अफेयर एंड्रिया हेविट के साथ था. पहली पत्नी से तलाक के बाद, विनोद कांबली ने एंड्रिया हेविट से शादी कर ली. 1993 से 2000 तक भारतीय टीम की और से खेल चुके लेफ्ट हैंड बल्लेबाज विनोद कांबली अपनी प्रतिभा से एक महान खिलाड़ी बन सकते थे, लेकिन अपने विवादों के चलते वह गुमनामी के अंधरे में खो गए थे.
सचिन तेंदुलकर से भी ज्यादा था टैलेंट!
एक समय कहा जाता था कि विनोद कांबली में सचिन तेंदुलकर से भी ज्यादा टैलेंट था, लेकिन वो अपने व्यवहार के चलते टीम से कई बार इन और आउट होते रहे. शुरुआत में विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए काफी रन बनाए थे, लेकिन विवादों में आने के बाद उनके बल्ले से भी रन निकलने बंद हो गए और उन्हें टीम से बाहर रखा गया. विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए 104 वनडे और 17 टेस्ट मैच खेले हैं. विनोद कांबली ने वनडे में 2477 रन और टेस्ट में 1084 रन बटोरे हैं.