Sunita Williams News: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हुए एक महीने से ज्यादा हो चुका है. एक्सपर्ट के मुताबिक, बोइंग स्टारलाइनर को दुरुस्त करना और फंसे एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर वापस लाना NASA के लिए भी आसान नहीं है.
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Sunita Williams Return To Earth: पिछले कुछ हफ्तों से, NASA एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग के 'स्टारलाइनर' पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे. इंसान को लेकर पहली बार अंतरिक्ष में गए स्टारलाइनर में तकनीकी खामियां आ गईं. अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर में दिक्कतें हैं और हीलियम लीक हो रहा है.
नासा ने अब कहा है कि विलियम्स और विल्मोर को अगस्त में शेड्यूल अगले क्रू स्विचओवर तक यहीं रुकना पड़ सकता है. शायद उन्हें किसी और यान में बैठकर वापस आना पड़ेगा. क्या NASA और बोइंग हमें पूरी जानकारी नहीं दे रहे? नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के सीनियर लेक्चरर, इयान व्हिटेकर को लगता है कि यह चुनौती उतनी आसान नहीं है, जितनी NASA और बोइंग बता रहे हैं.
व्हिटेकर ने 'द कन्वर्सेशन' में एक लेख लिखा है. वह कहते हैं कि बोइंग और नासा भले ही सकारात्मक रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट में पहले ही कई बार कई देरी हो चुकी है. मूल रूप से इसे 2017 में क्रू के साथ पहली बार उड़ान भरनी थी. व्हिटेकर के अनुसार, पुरानी और नई समस्याओं की वजह से पूरे स्टारलाइनर प्रोग्राम पर सवाल खड़े होते हैं.
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बोइंग स्टारलाइनर में शुरू से ही समस्या
फिजिक्स प्रोफेसर ने स्टारलाइनर प्रोग्राम के साथ आईं तमाम परेशानियां गिनाई हैं. उनके मुताबिक, लॉन्च से पहले ही स्टारलाइनर में हीलियम लीक हुई थी. लीक का पता तभी चल गया था जब स्टारलाइनर लॉन्च पैड पर था. हालांकि, इस लीक को नगण्य मानते हुए स्पेसक्राफ्ट को उड़ाने भरने दिया गया. लॉन्च के बाद, हीलियम लीक की समस्या कई गुना बड़ी हो गई.
स्टालाइनर में लॉन्च के बाद कई हीलियम लीक का पता चला. नतीजा यह हुआ कि स्पेसक्राफ्ट के कई छोटे मैनूवरिंग थ्रस्टर्स का इस्तेमाल ही नहीं हो पाया. ISS पर डॉक्ड रहते हुए, स्टारलाइनर के पांच में चार थ्रस्टर्स को रिपेयर किया गया लेकिन इससे पृथ्वी की ओर वापसी की यात्रा के दौरान अन्य थ्रस्टरों के काम बंद कर देने की चिंता पैदा हो गई है.
कहीं हो न जाए अनहोनी!
स्टारलाइनर की वापसी पर, पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने के लिए एक बहुत ही खास 'एंगल ऑफ अटैक' की जरूरत होती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यान में बहुत अधिक घर्षण न हो, जिससे वह गर्म न हो जाए. अगर स्टारलाइनर के ओरिएंटेशन और री-एंट्री के ऑर्बिटल पैरामीटर्स को एडजस्ट करने में परेशानी आई तो सबसे खराब स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
व्हिटेकर के मुताबिक, इससे यान में भारी गर्मी उत्पन्न हो सकती है और दो अंतरिक्ष यात्रियों सहित अंतरिक्ष यान नष्ट हो सकता है. हालांकि, स्पेसक्राफ्ट में अतिरिक्त थ्रस्टर्स और अन्य तथाकथित बैकअप सिस्टम डिजाइन किए गए हैं, इसलिए ऐसा होने की संभावना बेहद कम है.
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आगे क्या होगा?
अभी NASA जमीनी टेस्ट करने में जुटा है और वापसी से पहले, ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए ISS पर यान की जांच की जा रही है. अंतरिक्ष यात्री ISS पर सुरक्षित हैं. स्टारलाइनर पृथ्वी पर वापस लौट आएगा, इसकी संभावना जाहिर की जा रही है. लेकिन अगर ISS से डॉक्ड रहने के दौरान उसमें कोई बड़ी खराबी पाई जाती है, तो वापसी के लिए अन्य वाहनों का सहारा लेना पड़ेगा.