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इंसानों के पीछे कब पड़ते हैं भेड़िए, जानें हैरान कर देने वाले Wolf से जुड़े 6 इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Wolves Attack In UP: यूपी के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक चरम पर है. अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोग भेड़ियों का शिकार बन चुके हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, भेड़िया आमतौर पर इंसानों से दूर रहना पसंद करते हैं. लेकिन उत्तरप्रदेश के जिलों में भेड़ियों के झुंड को देखकर इस बात पर भरोसा करना मुश्किल है. तो चलिए आपको समझाते हैं, गांव में भेड़िए के बार-बार घूसने की पूरी कहानी.

गांव में क्यो चक्कर काट रहे भेड़िए

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गांव में क्यो चक्कर काट रहे भेड़िए

भेड़िए आमतौर पर इंसानों से दूर रहना ही पसंद करते हैं. लेकिन यूपी के बहराइच जिले में भेड़िए की एक्टीविटी लगातार कैमरे में रिकोर्ड की जा सकती है. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का यह मानना है कि जंगल में शेर के डर से भेड़िए सुरक्षित जगह की तलाश में गांव में पहुंचे. जहां वह अपनी भूख शांत करने के लिए इंसानों का शिकार कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार अब तक भेडियों ने 10 लोगों की जान ले ली है. वहीं, दर्जन भर से ज्यादा लोग भेड़िए के हमले से चोटिल हैं. 

भेड़िए को फंसाना आसान काम नहीं

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भेड़िए को फंसाना आसान काम नहीं

भेड़ियों का दिमाग बहुत तेज चलता है. इन्हें फंसा पाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं होता है, क्योंकि यह तुरंत पैटर्न को पहचान लेते हैं. ऑपरेशन भेड़िए के तहत 4 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं. बताया जा रहा है अभी भी 2 भेड़िए पकड़ से बाहर हैं.  

अलग-अलग शिकार पर निकलते हैं ये भेड़िए

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अलग-अलग शिकार पर निकलते हैं ये भेड़िए

इंसान की तरह भेड़िया भी एकजुट रहना पसंद करते हैं. वैसे तो भेड़िए झुंड में शिकार करते हैं, लेकिन बहराइच जिल में घुसे आदमखोर भेड़िए अपने स्वभाव से अलग...अकेले शिकार पर निकलते हैं. यह आशंका जतायी जा रही है कि ये भेड़िए  अलग-अलग दिशा में अटैक कर रहे हैं. पहले भेड़िये जानवरों का भी शिकार कर रहे थे..लेकिन अब ये भेड़िये सिर्फ इंसानों को निशाना बना रहे हैं.

रेकी करके चुन रहे भेड़िए अपना शिकार

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रेकी करके चुन रहे भेड़िए अपना शिकार

भेड़िए बहुत ही शातिर शिकारी माने जाते हैं. वह अपने शिकार को पूरी तरह से भांपने के बाद ही उसपर हमला करते हैं. ये भेड़िए पहले अपना शिकार पशुओं को बना रहे थे, लेकिन अब यह जैसे-जैसे ज्यादा आबादी वाले गांव की और बढ़ रहे हैं, इसका मनपसंद शिकार इंसान के बच्चे हो गए हैं. इनका माइंड क्लियर है कि उन्हें सिर्फ बच्चों का शिकार करना है. उनको ये भी पता है कि कहां शिकार करना है. आदमखोर भेड़िये अब शिकार से पहले इलाके की रेकी कर रहे हैं. और मौका मिलने पर घात लगाकर हमला कर रहे हैं.

सबसे ज्यादा खतरे में बच्चे

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सबसे ज्यादा खतरे में बच्चे

पिछले 50 दिन में आदमखोर भेड़ियों ने दस लोगों को अपना शिकार बनाया. जिनमें नौ बच्चे हैं. पूरे बहराइच में गांव-गांव आदमखोर भेड़ियों की दहशत का माहौल है. बहराइच में अब भेड़ियों से बचने के लिए लोग भगवान से ही उम्मीदें लगा रहे हैं. 

हर दिन एक नया गांव निशाने पर

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हर दिन एक नया गांव निशाने पर

​बहराइच में वन विभाग की टीमें रोज नए-नए चक्रव्यूह रच रही हैं. लेकिन आदमखोर भेड़िये माइंडगेम में वन विभाग की टीम से भी दो कदम आगे चल रहे हैं. भेड़िया लगातार नए गांवों को निशाना बना रहा है. पहले आदमखोर भेड़ियों की रेंज 35 गांव तक थी..जो अब बढ़कर 52 गांव तक पहुंच गई है. पहले भेड़ियों के शिकार का दायरा 40 किलोमीटर का था..लेकिन अब भेड़िये 60 किलोमीटर की रेंज में हमले कर रहे हैं.

जिंदा या मुर्दा

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जिंदा या मुर्दा

अब ये साफ हो चुका है कि खतरे को भांपते हुए आदमखोर भेड़ियों ने अपनी स्ट्रेटजी में बड़ा बदलाव किया है. भेड़िये अब घनी आबादी की तरफ रुख कर गये हैं. सीएम योगी ने भेड़ियों को पकड़ने के लगातार असफल प्रयास को देखते हुए, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जिंदा या मुर्दा भेड़ियों को पकड़ने का आदेश दिया है. 

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