RSS New Headquarter Photos: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का नया मुख्यालय दिल्ली के झंडेवालान में बनकर तैयार हो गया है. यह मुख्यालय तीन बारह मंजिला टॉवरों में फैला हुआ है, जो पांच लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है. यहां 270 कारों की पार्किंग व्यवस्था है, तीन आधुनिक ऑडिटोरियम हैं जिनमें कुल 1300 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके अलावा एक लाइब्रेरी भी है जिसमें रिसर्च के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए केबिन हैं, एक पांच बिस्तरों वाला अस्पताल है, हरी-भरी घास से सजे लॉन हैं और एक हनुमान मंदिर भी बनाया गया है जिसमें मिट्टी के दीयों की जगह अब इलेक्ट्रिक लाइट्स का उपयोग किया गया है.
आरएसएस के मुताबिक केशव कुंज चार एकड़ में फैला हुआ है और इसे बनाने में कुल 150 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर मौजूद हेडक्वॉर्टर से भी बड़ा है. संगठन के एक पदाधिकारी के मुताबिक इस मुख्यालय का निर्माण पूरी तरह से संघ के स्वयंसेवकों और इससे जुड़े लोगों के दान से किया गया है. करीब 75 हजारलोगों ने पांच रुपये से लेकर लाखों रुपये तक का योगदान दिया है ताकि यह मुख्यालय बन सके.
इस इमारत को गुजरात के आर्किटेक्ट अनुप दवे ने डिज़ाइन किया है, जो पहले भी गुजरात सरकार के कई प्रोजेक्ट्स से जुड़े रहे हैं. निर्माण कार्य दिल्ली की ऑस्पिशियस कंस्ट्रक्शन्स नामक कंपनी ने किया है, जो मुख्य रूप से मॉल, व्यापारिक परिसर और पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनाती है. यह कंपनी इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) की धर्म यात्रा महासंघ बिल्डिंग और कुछ अन्य धार्मिक स्थलों के निर्माण में भी शामिल रही है.
पिछले आठ वर्षों से RSS झंडेवालान के उदासीन आश्रम से संचालित हो रहा था, जिसे नए मुख्यालय के निर्माण के लिए किराए पर लिया गया था. संघ के पदाधिकारियों ने पिछले साल सितंबर से नए भवन में शिफ्ट होना शुरू किया और अब पूरी तरह से नए मुख्यालय में आ गए हैं, हालांकि कुछ हिस्सों में अभी भी आंतरिक साज-सज्जा का काम चल रहा है.
आरएसएस ने दिल्ली में अपना पहला कार्यालय 1939 में खोला था, जो वर्तमान मुख्यालय के पास ही मौजूद था. 1962 में एक मंजिला कार्यालय बना और 1980 के दशक में इसमें एक और मंजिल जोड़ी गई. 2016 में केशव कुंज परियोजना शुरू हुई और अब यह विशाल मुख्यालय बनकर तैयार है.
आरएसएस मुख्यालय की तीन इमारतों के नाम साधना, प्रेरणा और अर्चना हैं. इन इमारतों में कुल 300 कमरे और दफ्तर हैं, इसके अलावा कई कॉन्फ्रेंस हॉल और ऑडिटोरियम भी हैं. साधना टॉवर में संघ के सभी कार्यालय हैं, जबकि प्रेरणा और अर्चना टॉवर में आवासीय सुविधाएं मौजूद हैं. प्रेरणा और अर्चना टॉवर के बीच एक बड़ी खुली जगह है. जहां एक हरा-भरा लॉन और आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की प्रतिमा स्थापित की गई है. इस स्थान को संघ की दैनिक शाखाओं के लिए निर्धारित किया गया है. वर्तमान में पार्किंग की क्षमता 135 कारों की है, जिसे बढ़ाकर 270 तक किया जाएगा.
मुख्यालय में तीन बड़े ऑडिटोरियम बनाए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 1300 से ज्यादा लोगों की है. इनमें से एक ऑडिटोरियम पूर्व वीएचपी अध्यक्ष और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है. इमारत की खिड़कियों पर राजस्थान और गुजरात की पारंपरिक वास्तुकला से प्रेरित नक्काशीदार फ्रेम लगाए गए हैं. निर्माण कार्य में लकड़ी की खपत को कम करने के लिए 1000 ग्रेनाइट फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है.
पूरे परिसर को इस तरह से बनाया गया है कि प्राकृतिक रोशनी और हवा भरपूर मात्रा में आ सके. छत पर लगे सोलर पैनल से भवन की कुल बिजली खपत का 20 फीसद हिस्सा पूरा किया जाएगा. इसके अलावा परिसर में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है, जो मुख्यालय से निकलने वाले सभी अपशिष्ट जल को शुद्ध करेगा, जिससे नगर निगम के नालों में कोई गंदा पानी नहीं छोड़ा जाएगा.
मुख्यालय में भोजनालय और कैंटीन की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जहां सामूहिक रूप से भोजन करने के लिए बड़ा स्थान दिया गया है. साधना टॉवर की 10वीं मंजिल पर मौजूद केशव लाइब्रेरी में 25 लोगों के बैठने की क्षमता है और इसमें रिसर्च के लिए खास तौर पर तैयार किए गए रिसर्च रूम भी हैं. यह लाइब्रेरी उन लोगों के लिए खुली रहेगी जो संघ परिवार पर रिसर्च करना चाहते हैं. इस इमारत में दिल्ली प्रांत कार्यालय और सुरूचि प्रकाशन के कार्यालय भी होंगे, जहां संघ से संबंधित पुस्तकें प्रकाशित की जाती हैं.
इसके अलावा मुख्यालय में पांच बिस्तरों वाला अस्पताल और एक डिस्पेंसरी भी बनाई गई है, जो स्वयंसेवकों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी खुली रहेगी.
19 फरवरी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नए मुख्यालय में कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जो कि 21-23 मार्च को बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक का एक पूर्वाभ्यास होगा.
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