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Grandmother Wedding Gown: दादी-नानी और पोते-पोतियों के बीच एक खास रिश्ता होता है. यह रिश्ता मस्ती, प्यार और रहस्यों से भरा होता है. दादी-नानी अक्सर अपनी पुरानी चीजें, जैसे साड़ी, गहने और अन्य कीमती वस्तुएं अपने पोते-पोतियों को सौंप देती हैं. कई बार पोते-पोतियां इन चीजों को संजोकर रखती हैं, ताकि वे भी अपने बच्चों को यह चीज़ें दे सकें. लेकिन जब एक लड़की ने अपनी दादी की पुरानी शादी की साड़ी पहनने का फैसला किया, तो सोशल मीडिया पर उसे आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
किटी का ये फैसला पड़ा भारी
किटी क्लाइनफेल्टर ब्रू़डर शिकागो में रहती हैं और इंस्टाग्राम पर 28,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं. उन्होंने 1948 में अपनी दादी द्वारा पहनी गई शादी की गाउन पहनने का निर्णय लिया. यह गाउन पहले किटी की दो आंटियों ने भी अपनी शादी में पहना था और आखिरी बार 1988 में इसे पहना गया था. किटी ने यह गाउन अपनी शादी के दिन के बजाय अपनी रिहर्सल डिनर के लिए पहना.
किटी ने गाउन में कुछ बदलाव किए ताकि उसे थोड़ा आधुनिक लुक दिया जा सके. लेकिन जैसे ही उसने सोशल मीडिया पर इस गाउन का वीडियो पोस्ट किया, उसकी आलोचनाओं की बाढ़ आ गई. नेटिजन्स ने उसे 77 साल पुराने गाउन को बिगाड़ने के लिए आलोचना की और कहा कि इस गाउन को अपनी असली स्थिति में ही रखना चाहिए था.
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना
इस वीडियो को 3 मिलियन से अधिक बार देखा गया और कई लोगों ने इसे इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से को नष्ट करने के रूप में देखा. कुछ कमेंट्स में कहा गया कि गाउन को और सम्मान के साथ संभालना चाहिए था, जबकि कुछ लोगों ने किटी के इस पुराने वस्त्र को पहनने के तरीके की आलोचना की. एक कमेंट करने वाले ने यह भी कहा कि गाउन उतना अच्छा नहीं लग रहा था और किटी को इसके बजाय नया गाउन चुनना चाहिए था. हालांकि, आलोचनाओं के बावजूद कुछ लोग किटी के इस फैसले की सराहना भी कर रहे थे और उन्होंने इस गाउन की सुंदरता की तारीफ की.
किटी का साहस और समझ
किटी ने अपने फैसले को लेकर यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य गाउन को नष्ट करना नहीं था, बल्कि इसे एक सम्मानजनक तरीके से पहनना था ताकि वह अपनी दादी और परिवार के इतिहास को जीवित रख सकें. उनका मानना है कि इस गाउन को पहनकर उन्होंने एक पारिवारिक धरोहर को नया जीवन दिया है. सोशल मीडिया पर इस तरह की प्रतिक्रियाएं आम होती हैं, लेकिन किटी का यह निर्णय उनके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत अनुभव था. चाहे लोग इसे पसंद करें या नहीं, किटी ने अपनी दादी की धरोहर को अपनाया और उसे अपने तरीके से सम्मानित किया.