LOC Security: जम्मू-कश्मीर में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और केंद्र सरकार की सख्त नीति से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
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Akhnoor Blast: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी के बाद पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारत विरोधी रैलियों और आतंकवादियों की नई रणनीतियों को देखते हुए सुरक्षाबलों को सतर्क कर दिया गया है. इसके अलावा, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी और हाल ही में हुए आईईडी हमलों को देखते हुए केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है.
एलजी मनोज सिन्हा ने ली उच्च स्तरीय बैठक
गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. इस बैठक में सेना, पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. चर्चा मुख्य रूप से कश्मीर और जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर केंद्रित थी.
घुसपैठ और आतंकी साजिशों को लेकर बढ़ी चिंता
सूत्रों के अनुसार, बैठक में आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पीओके में की गई गतिविधियों का भी विश्लेषण किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन संगठनों ने हाल ही में रैलियां कर भारत में आतंकवाद फैलाने की धमकियां दी हैं. इसके मद्देनजर एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया जा सके.
घाटी में बढ़ते ड्रग्स के खतरे पर भी चर्चा
बैठक में आतंकवाद के साथ-साथ कश्मीर में नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे पर भी चर्चा हुई. सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि आतंकवादी समूह ड्रग्स के जरिए युवाओं को बहकाने की साजिश कर रहे हैं. इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं ताकि आतंकी संगठनों की इस रणनीति को विफल किया जा सके.
अखनूर विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी
बैठक ऐसे समय में हुई जब हाल ही में जम्मू के अखनूर क्षेत्र में आईईडी धमाका हुआ था. इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है, क्योंकि एलओसी के करीब आतंकवादियों की हलचल में तेजी देखी गई है. इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सैन्य सतर्कता और बढ़ा दी गई है.
गृह मंत्री अमित शाह का सख्त रुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने और घुसपैठ को शून्य करने की रणनीति पर काम किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
जम्मू में आज होगी सुरक्षा समीक्षा बैठक
श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद अब जम्मू में भी एक उच्च स्तरीय बैठक होने जा रही है. इस बैठक की अध्यक्षता खुद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे, जिसमें खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक का उद्देश्य जम्मू क्षेत्र में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं पर गहराई से मंथन करना और सुरक्षा रणनीति को और सख्त बनाना होगा.