Maharashtra politics News: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. इस बार विवाद की जड़ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हुआ सम्मान समारोह है. जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया.
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Maharashtra politics News: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. इस बार विवाद की जड़ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हुआ सम्मान समारोह है. जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. इसे महाराष्ट्र के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया है. खास बात यह है कि एक दिन पहले ही शिंदे ने शरद पवार की तारीफ की थी जिससे यह विवाद और दिलचस्प हो गया है.
शिंदे को सम्मान देने पर शिवसेना (उबाठा) की कड़ी आपत्ति
शरद पवार ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान एकनाथ शिंदे को 'महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे. हालांकि शिवसेना (उद्धव गुट) ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह वही एकनाथ शिंदे हैं जिन्होंने 2022 में अमित शाह के समर्थन से शिवसेना को विभाजित किया और महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार गिरा दी थी.
यह अमित शाह को सम्मानित करने जैसा..
शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार को यह सम्मान नहीं देना चाहिए था. उन्होंने इसे महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाने वाला कदम करार दिया. राउत ने कहा कि कल शरद पवार ने शिंदे को नहीं बल्कि अमित शाह को सम्मानित किया. यह हमारी भावना है. राजनीति में कुछ चीजों से बचना चाहिए. राउत ने आगे कहा कि शिवसेना (उबाठा) जिस व्यक्ति को ‘महाराष्ट्र का दुश्मन’ मानती है.. उसे सम्मान देना सही नहीं है. उनका इशारा शिंदे की उस भूमिका की ओर था, जब उन्होंने बगावत कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी.
शरद पवार की सफाई और अमोल कोल्हे की प्रतिक्रिया
शिवसेना (उबाठा) के आरोपों के बीच राकांपा (शरद गुट) के सांसद अमोल कोल्हे ने सफाई दी और कहा कि यह पूरा कार्यक्रम अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि यह एक साहित्यिक सम्मेलन था.. जहां हर चीज को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जा सकता. पवार इस कार्यक्रम की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं और उन्होंने उसी भूमिका में अपना दायित्व निभाया. कोल्हे ने संजय राउत के बयान को उनकी निजी राय बताया और कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
क्या यह महा विकास अघाड़ी के रिश्तों में दरार?
शरद पवार के इस कदम को लेकर शिवसेना (उबाठा) की नाराजगी के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या महा विकास अघाड़ी (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) के रिश्तों में दरार पड़ रही है? हालांकि राकांपा (शरद पवार गुट) के नेता इसे महज एक साहित्यिक आयोजन से जोड़कर देख रहे हैं. लेकिन शिवसेना (उद्धव गुट) इसे बड़ी राजनीतिक गलती मान रहा है.
सम्मान से ज्यादा बड़ा हुआ विवाद
एकनाथ शिंदे को दिए गए सम्मान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. जहां शरद पवार इसे महज एक औपचारिकता बता रहे हैं. वहीं शिवसेना (उबाठा) इसे महाराष्ट्र के स्वाभिमान से जोड़कर देख रही है. आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है. खासकर तब जब महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो रही हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)