पराठे भारतीय रसोई का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे हर कोई बड़े चाव से खाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पराठा बनाने का तरीका आपकी सेहत पर भारी असर डाल सकता है?
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पराठे भारतीय रसोई का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे हर कोई बड़े चाव से खाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पराठा बनाने का तरीका आपकी सेहत पर भारी असर डाल सकता है? खासकर जब आप दोनों तरफ घी लगाकर इसे गर्म तवे पर सेंकते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा तापमान पर घी पकाने से यह अपने धूम्र बिंदु (स्मोक पॉइंट) तक पहुंच सकता है, जो लगभग 250°C होता है. इस स्थिति में घी टूटने लगता है और हानिकारक फ्री रेडिकल्स और टॉक्सिक कंपाउंड (जैसे एक्रोलिन) छोड़ने लगता है. ये कंपाउंड शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को बढ़ावा देते हैं, जो दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
ज्यादा घी के नुकसान
तवे पर ज्यादा घी का उपयोग पराठे में कैलोरी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ा देता है. अगर इसे बार-बार खाया जाए, तो यह वजन बढ़ने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने का कारण बन सकता है.
पराठा पकाने का सही तरीका
विशेषज्ञों का कहना है कि पराठे को पकाते समय कम से कम घी का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे पकने के बाद ऊपर से थोड़ा घी डालकर गर्म पराठे पर फैलाना चाहिए. इस तरीके से घी सीधे अधिक तापमान के संपर्क में नहीं आता और उसके पोषक तत्व जैसे ब्यूट्रेट सुरक्षित रहते हैं. ब्यूट्रेट आंतों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है.
घी के फायदे और सही मात्रा
घी का सीमित सेवन (5-10 ग्राम प्रतिदिन) शरीर को हेल्दी फैट, पाचन में सुधार और सूजन रोधी लाभ प्रदान कर सकता है, खासकर जब यह ज्यादा क्वालिटी वाले, घास-खिलाए गए (ग्रास-फेड) घी का उपयोग हो. नए शोधों के अनुसार, घी को पकाने के बाद डालने से इसका पोषक प्रोफाइल बेहतर रहता है. इसलिए, अगर आप पराठे का आनंद लेना चाहते हैं तो इसे पकाने का तरीका बदलें और सेहतमंद तरीके से घी का उपयोग करें. इससे न केवल स्वाद मिलेगा, बल्कि सेहत भी बनी रहेगी.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.