यह सच है कि कई बार हम हेल्दी चीजें खाते हैं, फिर भी भोजन पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सकता है. सब्जियों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है और अगर हम उन्हें ठीक से नहीं धोते हैं, तो यह हानिकारक हो सकता है.
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यह सच है कि कई बार हम हेल्दी चीजें खाते हैं, फिर भी भोजन पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सकता है. सब्जियों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है और अगर हम उन्हें ठीक से नहीं धोते हैं, तो यह हानिकारक हो सकता है. प्रदूषण की दर इतनी बढ़ गई है कि हमें खरीदे और खाए जाने वाले हर एक फूड के बारे में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
कई बार मुर्गियों को बड़ा और स्वस्थ बनाने के लिए एंटीबायोटिक्स और अन्य सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. इस तरह से ब्रॉयलर चिकन बनाया और बेचा जाता है. ये टॉक्सिंस कुछ लोगों में पेट के संक्रमण और एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं. इसलिए वस्तुओं को खरीदते समय सावधानी बरतें. आज हम आपको ऐसे ही 5 खतरनाक फूड टॉक्सिन के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको अपने आहार से दूर रखना चाहिए -
ऐक्रोलामाइड (Acrylamide)
यह टॉक्सिन मुख्य रूप से स्टार्च रिच फूड जैसे आलू, ब्रेड, कॉफी और अनाज में पाया जाता है. अधिक तापमान पर पकाने या तलने से ऐक्रोलामाइड का लेवल बढ़ जाता है. यह टॉक्सिन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है, इसलिए कम तेल में पकाए या उबले हुए फूड को चुनें.
मायकोटॉक्सिन (Mycotoxins)
ये जहरीले पदार्थ फफूंद के कारण अनाज, नट्स और सूखे मेवों में विकसित होते हैं. मायकोटॉक्सिन पाचन तंत्र, लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लेटेस्ट वातावरण में रखे गए फूड में मायकोटॉक्सिन का स्तर बढ़ जाता है, इसलिए सूखे और हवादार स्थानों में भोजन को स्टोर करें.
ट्रांस फैट (Trans Fat)
प्रोसेस्ड फूड्स और बेकरी उत्पादों में पाए जाने वाले ट्रांस फैट को 'खराब फैट' कहा जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. पैकेज्ड फूड्स के लेबल को ध्यान से पढ़ें और ट्रांस फैट वाले फूड से बचें.
हैवी मेटल्स (Heavy Metals)
मछली, शेलफिश और कुछ सब्जियों में सीसा, पारा और कैडमियम जैसे भारी धातु पाए जा सकते हैं. ये धातु शरीर में जमा हो जाते हैं और नर्वस सिस्टम, किडनी और प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मछली और शेलफिश का सेवन सीमित करें और सब्जियों को धोकर और छीलकर खाएं.
आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial Sweeteners)
कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे एस्पार्टेम और सुक्रालोज का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से हानिकारक हो सकता है. ये स्वीटनर पाचन तंत्र को बाधित कर सकते हैं और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं. आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे शहद या फलों का रस का उपयोग करें.