Punjab News: हाल ही में अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को अमृतसर वापस भेजने के बाद पंजाब सरकार की प्रशासनिक सुधार विभाग चर्चा में था. क्योंकि यह विभाग सिर्फ कागजों में 20 महीने से चल रहा था. अब इस विभाग को खत्म को कर दिया गया है. इसपर इस विभाग को संभाल रहे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की इस पर प्रतिक्रिया आई है.
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Chandigarh News: पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को पंजाब सरकार द्वारा प्रशासनिक सुधारों के 'गैर-मौजूद' विभाग को खत्म करने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि विभाग का अस्तित्व महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि पंजाब की भलाई सरकार की प्राथमिकता है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ढालीवाल ने कहा, 'अब इस विभाग को समाप्त कर दिया गया है. हम सभी पंजाब को बचाने के लिए आए हैं. मेरे लिए विभाग महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि पंजाब महत्वपूर्ण है. यह विभाग है या नहीं, यह हमारा एजेंडा नहीं है.' सरकार ने 21 फरवरी को जारी एक अधिसूचना में बताया था कि पंजाब सरकार की प्रशासनिक सुधार विभाग मौजूदा वक्त में अस्तित्व में नहीं है.
कुलदीप सिंह धालीवाल के पास ही NRI और प्रशासनिक सुधार विभाग था. इसमें प्रशासनिक सुधार विभाग सिर्फ कागजों में चल रहा था. वह 20 महीने से इस विभाग के भी मंत्री थे. हालांकि, अब इस विभाग को खत्म करने के बाद उनके पास सिर्फ NRI विभाग बच गया है.
BJP ने साधा निशाना
पंजाब सरकार के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सवाल उठाया कि ढालीवाल पिछले 20 महीनों से एक 'अस्तित्वहीन' विभाग का संचालन कैसे कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'ऐसी अजीबोगरीब चीजें सिर्फ आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में ही हो सकती हैं.'
BJP नेता फतेहजंग सिंह बाजवा ने भगवंत मान सरकार पर प्रशासनिक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा, 'ढालीवाल पंजाब कैबिनेट के सीनियर नेताओं में से एक हैं, और वे 20 महीने तक एक गैर-मौजूद विभाग का नेतृत्व कर रहे थे. इसका मतलब है कि इस विभाग में कभी कोई बैठक नहीं हुई। प्रशासनिक सुधार कहां हुए? लोग अवैध रूप से विदेश जा रहे हैं, लेकिन कोई एजेंट या दलाल गिरफ्तार नहीं हुआ. यह सरकार पंजाब को 50 साल पीछे ले गई है.'
CM भगवंत मान की सफाई
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि विभाग को सुचारू प्रशासन के लिए दूसरे विभाग में मिला दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमने इसका नाम बदलकर एक नया विभाग बनाया है. पहले यह विभाग केवल नाम का था, इसमें कोई स्टाफ या दफ्तर नहीं था. अब इसे प्रशासनिक सुधारों के लिए व्यवस्थित तरीके से स्थापित किया गया है, चाहे वह नौकरशाही में हो या अन्य क्षेत्रों में.'
मान ने यह भी बताया कि अन्य विभागों का पुनर्गठन किया जा रहा है. 'प्रशासनिक सुधार और मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा संभाले जा रहे सुशासन सुधार विभाग में भ्रम की स्थिति थी. हमने इसे एक ही विभाग बना दिया है.' रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विभाग पहले से ही 'कागजों पर ही मौजूद' था. इसमें कोई स्थायी अधिकारी नहीं था, न ही कोई बड़ी बैठकें या योजनाएं चलाई जा रही थीं.
जानिए पूरा मामला
अब कुलदीप सिंह ढालीवाल केवल NRI मामलों के मंत्री हैं. हाल ही में अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को अमृतसर वापस भेजने के बाद यह विभाग चर्चा में था. मई 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल में ढालीवाल से कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए गए थे, और प्रशासनिक सुधार विभाग उन्हें दिया गया था. हालांकि, इस विभाग की भूमिका साफ नहीं थी, क्योंकि राज्य के सुशासन और आईटी विभाग पहले से ही प्रशासनिक सुधारों पर काम कर रहे थे.