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Presidential Election: भारत के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म होने को है. ऐसे में 15वें राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है. ऐसे में आम लोगों के मन में इस पद को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं. आइए उन्हीं में से कुछ सवालों को सुलझाने की कोशिश करते हैं.
गौरतलब है कि देश के पहले व्यक्ति यानी राष्ट्रपति के चुनाव में EVM का इस्तेमाल नहीं होता है. इन चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए सांसद और विधायक बैलेट पेपर पर अपनी पसंद के कैंडिडेट के आगे 1,2,3,4,5 के हिसाब से प्रेफरेंस वोटिंग करते हैं. इसके लिए सभी राज्यों और UT के निर्वाचित विधायकों और सदन के सभी निर्वाचित सांसदों को बैलेट पेपर दिया जाता है. सांसदों को हरे रंग का बैलेट पेपर और विधायकों को गुलाबी रंग का बैलेट पेपर दिया जाता है. ऐसा सांसदों और विधायकों के बैलेट पेपर और उनकी वैल्यू को अलग-अलग समझने के लिहाज से किया गया है.
भारत की संसदीय प्रणाली बिल्कुल ब्रिटेन की तरह है. अमेरिका में राष्ट्रपति हेड ऑफ स्टेट होने के साथ हेड ऑफ गवर्नमेंट भी होता है. लेकिन भारत में राष्ट्रपति राज्य प्रमुख तो होता ही है, लेकिन हेड ऑफ गवर्नमेंट प्रधानमंत्री होता है. भारत में सरकार को चलाने का असली जिम्मा पीएम के हाथ में होता है. हमारे देश में PM हो या कोई और मंत्री, वे सभी संसद का हिस्सा जरूर होते हैं. ऐसे में अगर राष्ट्रपति को वोट जनता डाल देगी तो देश का सबसे बड़ा चुना हुआ नेता वही हो जाएगा, जबकि हमारे देश में सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है. इसी असमंजस से बचने के लिए भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इनडायरेक्ट होता है और उनको जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही चुनते हैं.
राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के द्वारा किया जाता है. इलेक्टोरल कॉलेज में दोनों सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य और सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. सभी सांसदों और विधायकों को 'इलेक्टोरल कॉलेज' कहा जाता है और इनमें से हर एक को 'इलेक्टर' कहा जाता है. राष्ट्रपति चुनाव में हर सांसद के वोट की वैल्यू समान होती है, फिर चाहे उसका संसदीय क्षेत्र छोटा हो या बड़ा. यानी फिर चाहे UP जैसे बड़े राज्य के सांसद के वोट की वैल्यू हो या सिक्किम या गोवा जैसे छोटे राज्यों या किसी अन्य राज्य के सांसद, इनके वोट की वैल्यू बराबर ही होती है.
हालांकि MLA के वोटों की वैल्यू एक समान नहीं होती है. राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों के वोट की वैल्यू जनसंख्या के आधार पर तय होती है. यही वजह है कि जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य UP के एक विधायक की वैल्यू सबसे ज्यादा 208, जबकि सिक्किम के एक विधायक के वोट की वैल्यू सबसे कम 7 है.
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