Akhilesh Yadav Controversial Statement On CM Yogi: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र के दौरान कहा कि विपक्षी नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाएंगे और गरीबों के बच्चों को उर्दू पढ़ाकर मौलवी बनाना चाहते हैं. इस पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. आइए जानते हैं इस दौरान क्या कहा?
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Akhilesh Yadav Attacks CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘मौलवी और कठमुल्ला’ वाले बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगा सकते, उन्हें खुद स्कूल जाने की जरूरत है.
योगी आदित्यनाथ के बयान पर अखिलेश का जवाब
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि विधानसभा में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल को रोकने के लिए एक विशेष कक्षा होनी चाहिए. इस दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि इस कक्षा के पहले विद्यार्थी के रूप में मुख्यमंत्री खुद होंगे और भाजपा के बाकी नेता इसे अपने आप भर देंगे.
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए सीएम योगी पर तंज कसा और लिखा कि दूसरों पर भाषागत प्रहार करके समाज में भेदभाव फैलाने वालों में अगर क्षमता है, तो यूपी में वर्ल्ड क्लास स्कूल बनाकर दिखाएं ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े. लेकिन इसके लिए वैश्विक दृष्टिकोण की जरूरत होती है. जो आज तक आसपास के एक-दो देश ही गए हों, वे इतनी बड़ी सोच कैसे रख सकते हैं?
‘मौलाना और योगी दोनों बनना अच्छा, लेकिन बुरा योगी नहीं’
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि मौलाना बनना अच्छी बात है और योगी बनना भी अच्छा है, लेकिन बुरा योगी बनना उचित नहीं. उन्होंने सपा सरकार की शिक्षा नीतियों को लेकर दावा किया कि उनकी सरकार ने छात्रों को लैपटॉप बांटे थे. इस दौरान तंज कसते हुए कहा कि मैं शर्त लगा सकता हूं कि जिस वार्ड में सीएम योगी रहते हैं, वहां भी सपा के दिए हुए लैपटॉप मिल जाएंगे.
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था?
दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. इस दौरान कहा कि सपा दोहरे चरित्र वाली पार्टी है, जो अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ाती है, लेकिन आम जनता के बच्चों को उर्दू पढ़ाने के लिए मजबूर करती है और मौलवी बनने पर जोर देती है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा को हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं से दिक्कत है. जब विधानसभा में भोजपुरी, अवधी और ब्रज भाषा में विधायकों द्वारा संबोधन दिए जाने का प्रस्ताव आया तो सपा ने इसका विरोध किया.
यह भी कहा कि ये लोग हर अच्छी बात का विरोध करते हैं. तुलसीदास जी ने ब्रज भाषा में महाकाव्य लिखे. भोजपुरी का डंका मॉरीशस, फिजी और तमाम देशों में बजता है. विपक्ष चाहता है कि लोग भोजपुरी न पढ़ें, बल्कि उर्दू पढ़ें और मौलवी बनें. हम कठमुल्लापन का देश नहीं बनने देंगे.