वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01175.33 करोड़ के बजट में हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर का भी जिक्र किया. जिसके तहत ऋषिकेश में तपोवन, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी और त्रिवेणी घाट के आसपास के इलाकों को कॉरिडोर के अंतर्गत विकसित किया जाएगा, जिससे ऋषिकेश और हरिद्वार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में और विकसित होंगे और गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं दबाव भी घटेगा.
उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा किनारे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर एक नया कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है. जिसका जिक्र उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को अपने बजट में किया है. यह प्रोजेक्ट तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और गंगा घाटों को सुव्यवस्थित करने के लिए तैयार किया जा रहा है.
हरिद्वार में देवपुरा, भूपतवाला, हर की पैड़ी, कनखल और भारत माता मंदिर क्षेत्र को इस योजना में शामिल किया गया है. वहीं, ऋषिकेश में तपोवन, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी और त्रिवेणी घाट के आसपास के इलाकों को कॉरिडोर के अंतर्गत विकसित किया जाएगा.
कॉरिडोर निर्माण के तहत ओपन स्पेस विकसित किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को अधिक जगह मिल सके. स्नान पर्वों के दौरान भीड़ कम करने और सुगम दर्शन की व्यवस्था के लिए नए घाटों और पाथवे का निर्माण होगा.
सरकार ने अगले 25 वर्षों के लिए इस क्षेत्र के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया है. इसमें भवनों और बाजारों को व्यवस्थित करने के साथ ही ऐतिहासिक स्थलों को निखारने का काम भी किया जाएगा.
यह प्रोजेक्ट पीएम मोदी के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से भी एक है. नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री विशेश्वर टुडू ने पिछले दिनों हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निरीक्षण भी किया था. उन्होंने भीमगोडा बैराज और गंगा के डायवर्जन का जायजा लेते हुए प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए दिये थे. इस प्रोजेक्ट को ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस कॉरिडोर के निर्माण से तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय व्यापारियों और रोजगार चाहने वालों को फायदा होगा. होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सेवाओं की मांग बढ़ने की संभावना है.
सरकार का लक्ष्य है कि अक्टूबर 2026 तक इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाए. खासतौर पर 2027 के अर्धकुंभ और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इसे प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा.
हरिद्वार और ऋषिकेश धार्मिक पर्यटन के बड़े केंद्र हैं, जहां सालभर लाखों श्रद्धालु आते हैं. इस कॉरिडोर से इन शहरों का आकर्षण और सुविधाएं बढ़ेंगी, जिससे आने वाले समय में और अधिक पर्यटक यहां खिंचे चले आएंगे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.