Azamgarh ka Itihaas: राजपूत राजा ने अपनाया इस्लाम, बेटे के नाम पर बसाया आजमगढ़, 1857 की क्रांति में सबसे पहले आजाद हुआ शहर
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Azamgarh ka Itihaas: राजपूत राजा ने अपनाया इस्लाम, बेटे के नाम पर बसाया आजमगढ़, 1857 की क्रांति में सबसे पहले आजाद हुआ शहर

Azamgarh ka Itihaas: तमसा नदी किनारे बसा आजमगढ़ शहर अपने इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए फेमस है. आजमगढ़ ही अंग्रेजों की गुलामी से मुक्‍त होने वाला सबसे पहला शहर है. तो आइये जानते हैं इस शहर का इतिहास. 

Azamgarh ka Itihaas

Azamgarh ka Itihaas: आजमगढ़...जो अपने इतिहास और पौराणिक कथाओं के लिए मशहूर है. यह शहर अंग्रेजों की गुलामी से मुक्‍त होने वाला सबसे पहला शहर है. 1857 की क्रांति में आजाद होने वाला यह पहला शहर बना. यह शहर अंग्रेजों की गुलामी से 81 दिनों में ही मुक्‍त हो गया था. हालांकि, बाद में फिर से अंग्रेजों ने कब्‍जा कर लिया. इस जगह को पहले कासिमाबाद के नाम से जाना जाता था. कुछ समय बाद इस जगह का पुर्ननिर्माण करवाया गया. यह शहर बनारसी साड़ियों के लिए मशहूर है. इन बनारसी साड़ियों का निर्यात पूरी दुनिया में होता है. इसके अलावा यहां ठाकुरजी का एक पुराना मंदिर और राजा साहिब की मस्जिद भी स्थित है.

क्या है इस शहर का इतिहास?
आजमगढ़ 1665 ई. में शाहजहां के शासनकाल के दौरान विक्रमजीत के बेटे आजम ने स्थापना की थी. विक्रमाजीत परगना निजामाबाद में मेहनगर के गौतम राजपूतों के वंशज थे. जिन्होंने अपने कुछ पूर्ववर्तियों की तरह इस्लाम अपनाया था. उसकी एक मुस्लिम पत्नी थी, जिससे उसके दो बेटे आजम और अजमत हुए. आजम ने अपने नाम से शहर का नाम आजमगढ़ शहर और किला को अपना नाम दिया, जबकि अजमत ने परगना सगरी में किले और अजमतगढ़ बाजार का निर्माण करवाया था. 

स्वतंत्रता आंदोलन के लिए पहचान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैबील राम के हमले के बाद अजमत खान अपने सैनिकों के साथ उत्तर की ओर भाग गया. उन्होंने गोरखपुर में घाघरा पार करने का प्रयास किया, लेकिन दूसरी ओर लोगों ने उसके आने का विरोध किया. फिर उन्हें या तो मध्य धारा में गोली मार दी गई या बचने की कोशिश में डूब गया. आजमगढ़ स्वतंत्रता आंदोलन के लिए भी पहचाना जाता है.

रामायण काल से कनेक्शन
यहां गौरीशंकर का मंदिर 1760 ई. में स्थानीय राजा के पुरोहित ने बनवाया था. यह शहर कई ऋषियों की तपोस्‍थली भी रही. यहां दुर्वासा ऋषि का आश्रम है. जहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े मेले का आयोजन होता है. यहां पास में ही दत्तात्रेय का आश्रम, चंद्रमा ऋषि का आश्रम, बाबा मुसई दास की तपस्थली भी है. आजमगढ़ को रामायण काल के कौशल राज का हिस्सा भी बताया जाता है. कौशल, उत्तरी भारत के चार शक्तिशाली राजतंत्रों में से एक था. आजमगढ़ जिले के उत्तर-पूर्वी हिस्से का हिस्सा मल्ल राज्य में शामिल था.

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