UP New Helmet Rules: अगर दोपहिया वाहन का एक्सीडेंट होता है, तो हेलमेट न होना इसकी बड़ी वजह सामने आता है. इसे रोकने के लिए "नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान शुरू किया है. लेकिन बाइक सवारों को इन बातों का भी ध्यान रखना होगा.
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New Helmet Rules in UP: बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार ने "नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान शुरू किया है. अब चार साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, चाहे वे बाइक चला रहे हों या पीछे बैठे हों. यदि कोई बिना हेलमेट के पाया गया, तो उसका चालान किया जाएगा. इसके साथ ही सभी कार्यालयों में भी निर्देश दिया गया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना हेलमेट का आता है तो उसकी हाजिरी नहीं लगेगी.
सुप्रीम कोर्ट कमेटी के कड़े निर्देश
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन जस्टिस ए.एम. सप्रे ने परिवहन और पुलिस विभाग को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस दौरान कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा प्रभावित बाइक सवार होते हैं, खासतौर पर 35 साल की उम्र तक के युवा हैं. इसे रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं.
सड़क सुरक्षा को लेकर बड़े फैसले
1. संयुक्त अभियान: पुलिस और आरटीओ विभाग जल्द ही मिलकर हेलमेट और यातायात नियमों के पालन के लिए अभियान चलाएंगे.
2. ई-चालान प्रणाली: एनएचएआई के सभी सड़कों पर लगे वे-इन मोशन सिस्टम को ई-चालान पोर्टल से जोड़ा जाएगा, ताकि नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो सके.
3. स्पीड कंट्रोल: सभी हाईवे पर स्पीड कैमरे, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे और सीसीटीवी लगाए जाएंगे.
4. ब्लैक स्पॉट सुधार: सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के ब्लैक स्पॉट्स (दुर्घटना संभावित स्थान) की पहचान करें और उन्हें सुधारें.
5. डिजिटल निगरानी: पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को विश्वकर्मा ऐप से जोड़ा जाएगा, जिससे ब्लैक स्पॉट की पहचान और सुधार तेजी से हो सके.
6. यातायात पुलिस थाने: हर जिले में यातायात थाने स्थापित किए जाएंगे ताकि ट्रैफिक नियमों का बेहतर पालन हो सके.
7. सड़क सुरक्षा उपकरण: सड़क सुरक्षा में लगी प्रवर्तन टीम को इंटरसेप्टर वाहनों, ब्रेथ एनालाइजर और अन्य आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा.
8. स्पीड लिमिट डिवाइस: ओवरस्पीडिंग रोकने के लिए स्पीड लिमिट डिवाइस को कड़ाई से लागू किया जाएगा,
9. शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता: स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा पर परिचर्चाएं करवाई जाएंगी.
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