Asaram Bail: हमारी जिंदगी अब भगवान भरोसे...आसाराम को मिली जमानत तो शाहजहांपुर रेप पीड़िता परिवार का छलका दर्द
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2592288

Asaram Bail: हमारी जिंदगी अब भगवान भरोसे...आसाराम को मिली जमानत तो शाहजहांपुर रेप पीड़िता परिवार का छलका दर्द

Asaram Bail: आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. जिसका विरोध पीड़िता के पिता ने की है. साथ ही उन्होंने संगीन आरोप भी लगाए हैं. 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम के खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम बेल मिली है. पढ़िए

Asaram Bail

Asaram Bail: सुप्रीम कोर्ट से आसाराम बापू ने अंतरिम जमानत दे दी है. जिसका विरोध करते हुए पीड़िता के पिता ने संगीन आरोप लगाए हैं. आसाराम 2013 के बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. आसाराम के खराब स्वास्थ्य के आधार पर यह अंतरिम बेल मिली है. इसके साथ ही कोर्ट ने आसाराम को सबूतों से छेड़छाड़ न करने और अपने अनुयायियों से न मिलने का निर्देश दिया है. 31 मार्च तक उन्हें रिहा किया जाएगा. ताकि आसाराम आवश्यक इलाज करा सकें. यह आदेश जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने दिया.  

क्या बोले पीड़िता के पिता?
शाहजहांपुर में आसाराम यौन उत्पीड़न मामले की पीड़िता के पिता ने कहा कि आसाराम को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया है. आसाराम को गलत जमानत दी गई है. इसको जमानत नहीं देनी चाहिए. अब यह जेल से निकलकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र करेगा. आजकल तो कोर्ट रेपिस्ट और मुजरिमों पर मेहरबान है, हम तो सिर्फ भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं और कर भी क्या सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कई कैदी हैं, जिन्हें बाहर इलाज करने की जरूरत है तो फिर कोर्ट सभी और कैदियों को जमानत क्यों नहीं दे देता. 

वकील ने क्या दी दलील?
जानकारी के मुताबिक, आसाराम बापू के वकील देवदत्त कामत ने तर्क दिया था कि दोषसिद्धि सिर्फ अभियोजिका की गवाही पर आधारित थी, जिसमें कोई पुष्ट प्रमाण नहीं था. उन्होंने अभियोजन पक्ष के मामले में विसंगतियों की ओर भी ध्यान खींचा. हालांकि, मामले की खूबियों पर कोर्ट ने विचार नहीं किया और याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य के मुद्दों पर फोकस किया. इसी आधार पर एसएलपी का निपटारा कर दिया गया.

मेडिकल आधार पर जमानत
आसाराम के वकील ने तर्क दिया कि लगातार कैद में रहने से उनका जीवन खतरे में आ सकता है. उन्होंने कोर्ट से जेल के बाहर तत्काल मेडिकल सुविधा प्राप्त करने के लिए जमानत देने की अपील की. वहीं, इस याचिका का विरोध गुजरात की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया. उन्होंने आसाराम की दोषसिद्धि की गंभीरता पर जोर दिया. कोर्ट ने जमानत अवधि के दौरान लगाई गई शर्तों का पालन करने के निर्देश दिए हैं.  

क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें, एक सेशन कोर्ट ने आसाराम बापू को 31 जनवरी 2023 को अपने अहमदाबाद स्थित आश्रम में अपनी महिला शिष्या के साथ कई बार बलात्कार करने का दोषी पाया था. उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसाराम को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), धारा 342 (गलत तरीके से कारावास), 506 (आपराधिक धमकी) और 357 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल) और 354 (महिला की गरिमा को भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल) के तहत दोषी ठहराया गया था. फिर बापू ने सजा को स्थगित करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन पिछले साल अगस्त में उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च को एक अन्य बलात्कार मामले में राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बापू की याचिका खारिज कर दी थी. फिर उन्होंने राजस्थान होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

यह भी पढ़ें: UP IPS Transfer List: अमरोहा-मैनपुरी से लेकर मिर्जापुर तक बदले गए SP, लखीमपुर खीरी के एसपी गणेश साहा पर गिरी गाज!

Trending news