UP News: सरकारी कार्यालयों व भवनों में बिजली बर्बादी की शिकायतें मिलती रही हैं. अब बिजली बर्बादी पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले ही नया आदेश जारी कर दिया है.
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UPPCL Smart Meter: यूपी के सरकारी कार्यालयों में बिजली बर्बादी पर रोक लगेगी. सरकारी दफ्तरों में बिना वजह एसी, हीटर-कूलर और पंखा चलाने पर अफसरों को हिसाब देना होगा. सीएम योगी ने बिजली बर्बादी पर रोक लगाने को लेकर नया फरमान सुनाया है. प्रदेश भर के सभी सरकारी कार्यालयों में भी स्मार्ट मीटर लगाए के आदेश दिए गए हैं. इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है.
पहले चरण में इन कार्यालयों में लगाने का आदेश
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों में बिजली बर्बादी को रोकने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है. पहले चरण में मुख्य सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, सरकारी अस्पताल, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जल निगम और अन्य प्रमुख सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. दूसरे चरण में सभी सरकारी स्कूल, विश्वविद्यालय, तहसील, ब्लॉक और अन्य सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. 31 मार्च 2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दिए गए हैं.
31 मार्च तक लगाने होंगे स्मार्ट मीटर
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अफसरों का दावा है कि अब तक करीब 2000 से अधिक सरकारी भावनाओं में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. जो भी सरकारी दफ्तर बचे हैं उनमें 31 मार्च तक स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दिए गए हैं. ऐसे में सरकारी कार्यालयों व भवनों में स्मार्ट मीटर लगाने के काम को तय समय सीमा में पूरा करना होगा. योगी सरकार ने यह आदेश गर्मी शुरू होने से ठीक पहले दिया है. कई बार शिकायतें मिलती हैं कि सरकारी कार्यालयों में बेवजह बिजली का इस्तेमाल होता रहता है. अफसर अपने दफ्तरों में एसी, कूलर और पंखा का इस्तेमाल करते रहते थे. अब इस आदेश से बिना वजह बिजली इस्तेमाल पर रोक लगेगी.
ऐसे होगी बिजली आपूर्ति की निगरानी
बबता दें कि अभी तक यूपी में घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाने के आदेश दिए गए थे. अब सरकारी कार्यालयों में भी स्मार्ट मीटर लगाकर बिजली बर्बादी पर रोक लगेगी. खास बात यह है कि इन स्मार्ट मीटरों से रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग की जा सकेगी. साथ ही ऑटोमेटिक रीडिंग सिस्टम की व्यवस्था होगी. मोबाइल ऐप के जरिए बिजली खपत की निगरानी की जाएगी. प्रीपेड और पोस्टपेड विकल्प भी होंगे. बिजली कटौती और ओवरलोडिंग की सूचना भी देनी होगी.
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