Mahakumbh 2025: तीन दशक पहले अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन का आगाज प्रयागराज कुंभ से ही हुआ था. आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो रहा है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ भी मनाई जा रही है.
Trending Photos
Mahakumbh 2025: इस बार संगमनगरी प्रयागराज में पूर्णमहाकुंभ लग रहा है. खास बात यह है कि 144 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब धरती पर मनुष्य ही नहीं बल्कि आसमान में देवता भी कुंभ स्नान करेंगे. वहीं, राम नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे हो रहे हैं. 36 साल पहले प्रयागराज में कुंभ में ही राम मंदिर आंदोलन का आगाज हुआ था. इतना ही नहीं प्रयागराज के कुंभ में विहिप ने राम मंदिर का मॉडल भी प्रस्तुत किया था. अयोध्या राम मंदिर निर्माण का महासंकल्प किया गया था, जो अब पूरा हो रहा है.
144 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
बता दें कि महाकुंभ 12 साल बाद लगता है. पिछला पूर्ण कुंभ 2013 में हुआ था. अर्धकुंभ 2019 में हुआ था. अब 2025 में एक बार फिर पूर्ण महाकुंभ का आयोजन हो रहा है. मान्यता है कि देवताओं के 12 दिन मनुष्यों के 12 साल के बराबर होते हैं, महाकुंभ हर 144 सालों बाद लगता है. इस बार 144 साल बाद पूर्ण महाकुंभ से पहले अयोध्या में रामलला भी विराजमान हो गए हैं. प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ भी मनाई जा रही है.
कुंभ से ही देवरहा बाबा ने राम मंदिर की भविष्यवाणी की थी
देवरहा बाबा ने 36 साल पहले फरवरी 1989 में प्रयागराज कुंभ में ही राम मंदिर आंदोलन का सहयोग का ऐलान किया था. इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी राम मंदिर निर्माण का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे थे. विदेश मंत्री नटवर सिंह, गृह मंत्री बूटा सिंह और सीएम नारायण दत्त तिवारी भी देवरहा बाबा के शरण में पहुंचे थे. जानकारी के मुताबिक, देवरहा बाबा भगवान श्रीराम के भक्त थे. देवरहा बाबा श्रीकृष्ण को भी अपना ईष्ट मानते थे. देवरहा बाबा माघ मेले में कल्पवास के दौरान प्रयागराज जरूर आते थे.
महाकुंभ-अर्धकुंभ में कल्पवास करते थे देवरहा बाबा
महाकुंभ में देवरहा बाबा का मचान कई फीट ऊपर लगता था. मचान के ऊपर बैठकर वे पूजा पाठ और साधना करते थे. वहीं से भक्तों को दर्शन देते थे. देवरहा बाबा महाकुंभ, अर्धकुंभ में भी शामिल होते थे. देवरहा बाबा का चमत्कार अनोखा था, उनके दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते थे. बाबा अपने पैर के अंगूठे से आशीर्वाद देते थे. देवरहा बाबा दुबले-पतले थे, लंबी जटा, कंधे पर यज्ञोपवीत और कमर में मृगछाला ही उनकी पहचान थी. उनके अनुयायियों का मानना है कि बाबा 500 से अधिक वर्षों के लिए जिंदा रहे. बता दें कि देवरहा बाबा 19 जून 1990 को ब्रह्मलीन हो गए।
2001 के कुंभ में पेश किया गया था राम मंदिर का मॉडल
प्रयाग में ही पहली बार राम मंदिर शिलान्यास-शिलापूजन का संकल्प 2001 के कुंभ में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल रखा गया था. मेले के सेक्टर सात में विश्व हिंदू परिषद के शिविर में यह मॉडल रखा गया. यहीं 19 से 21 जनवरी तक विहिप की नौंवीं धर्म संसद भी हुई थी. श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत परमहंस रामचंद्रदास ने मंदिर निर्माण का संकल्प दिलाया था. इससे पहले 1989 के प्रयाग कुम्भ में तृतीय धर्मसंसद में परमहंस रामचंद्र दास की अगुआई में अयोध्या में शिला पूजन व शिलान्यास का निर्णय लिया गया था.
महाकुंभ संबंधित ताजा समाचार के लिए जी न्यूज से जुड़े रहें. यहां पढ़ें Mahakumbh 2025 और Prayagraj News in Hindi सबसे पहले ZEE UP-UK पर. उत्तर प्रदेश की हर ब्रेकिंग न्यूज और लेटेस्ट न्यूज हमारे पास, पाएं यूपी के नवीनतम समाचार और सबसे पहले खबर
यह भी पढ़ें : प्रयागराज की अनामिका ने छुआ आसमान, हजारों फीट की ऊंचाई पर लहाराया महाकुंभ मेले का झंडा
यह भी पढ़ें : Mahakumbh 2025: अलोपशंकरी से मनकामेश्वर कॉरिडोर तक...महाकुंभ के करोड़ों भक्तों को सीएम योगी कल देंगे छह तोहफे