Mahakumbh 2025 Amrit Snan: मकर संक्रांति पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज, महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले लगाई डुबकी
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Mahakumbh 2025 Amrit Snan: मकर संक्रांति पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान आज, महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले लगाई डुबकी

Prayagraj Kumbh Mela 2025 First Amrit Snan: भव्य महाकुंभ का आगाज हो चुका है. इस बार महाकुंभ न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 14 जनवरी यानी आज नागा साधुओं के अखाड़े अमृत स्नान करेंगे. जानिए पूरी डिटेल

Mahakumbh 2025 Amrit Snan

Prayagraj Kumbh Mela 2025 First Amrit Snan: प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) किया जाएगा. ऐसे में आज नागा साधुओं के अखाड़े अमृत स्नान करेंगे. सबसे पहले नागा साधुओं के 13 अखाड़े अमृत स्नान करते हैं. इस बार महाकुंभ न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान 6 शाही स्नान और 3 अमृत स्नान किए जाएंगे. जिसमें पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन होगा. वहीं दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर और तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा.

अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत और महामंडलेश्वर ने अमृत स्नान किया. यह नागा साधु हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू, पूरे शरीर पर भस्म-भभूत, घोड़े-ऊंट और रथ की सवारी करते दिखे. हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए 2000 नागा साधु संगम पहुंचे और डुबकी लगाई. सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के लिए 'अमृत स्नान' का भी स्नान जारी किया गया है. यह व्यवस्था मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए जारी की गई. 

जानें अमृत स्नान की टाइमिंग
जानकारी के मुताबिक, महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा ने सुबह 5.15 बजे शिविर से प्रस्थान किया और 6.15 बजे घाट पहुंचा. इसे स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया था. ये 6.55 बजे घाट से वापस शिविर के लिए रवाना हो गए. जानकारी के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 मिनट से सुबह 6:21 मिनट तक था. वहीं महापुण्यकाल सुबह 9:03 मिनट से 10:48 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा पुण्यकाल सुबह 9:03 मिनट से शाम 5:46 मिनट तक है.

महाकुंभ में दुनियाभर से पहुंचे लोग
वहीं, दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान करेगा. इसका शिविर से प्रस्थान का समय सुबह 6.05 बजे, घाट पर आगमन का समय 7.05 बजे, स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 7.45 बजे और शिविर में आगमन का समय 8.45 बजे रहेगा. महाकुंभ नगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां देशभर के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, स्पेन और इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत होते दिखे और सभी ने संगम में डुबकी लगाई.

श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश
महाकुंभ के पहले दिन यानी सोमवार को शाम छह बजे तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए. मेला प्रशासन की मानें तो पहले स्नान पर्व के दौरान सभी घाटों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई. उद्यान विभाग ने पुष्पवर्षा के लिए खासतौर पर गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की थी और महाकुंभ के सभी स्नान पर्वों पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की तैयारी है. 

जानें अमृत स्नान के नियम
अमृत स्नान के दिन सबसे पहले स्नान करने का अधिकार नागा साधु फिर अन्य प्रमुख साधु-संत का होता है. इसके बाद गृहस्थ व्यक्ति स्नान करते हैं. इस दिन साधु-संत और नागा बाबा के स्नान करने के बाद ही स्नान करना चाहिए. इस दिन महाकुंभ में स्नान करने वाले साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. गंगा में स्नान करते समय साबुन, शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. महाकुंभ स्नान करने के बाद संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी और अक्षय वट मंदिर के दर्शन करना चाहिए. अमृत स्नान के बाद गरीब और जरूरतमंदों का अन्न, धन, वस्त्र और तिल का दान करना चाहिए.

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