प्रदेश को गंगा एक्सप्रेसवे से लेकर गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे तक कई बड़े एक्सप्रेसवे का तोहफा मिल चुका है. अब इसमें एक और नाम जुड़ने जा रहा है. यह ग्रीन हाईवे 112 किलोमीटर लंबा होगा.
इस ग्रीन हाईवे का फायदा यूपी के चार बड़े शहरों को मिलने वाला है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसके डीपीआर को भी मंजूरी दे दी है. आइए जानते हैं यह किन-किन जिलों से होकर गुजरेगा.
यह हाईवे उत्तर प्रदेश के जिन चार बड़े शहरों को कनेक्ट करेगा. उनमें कानपुर नगर, फतेहपुर और बुंदेलखंड के हमीरपुर और महोबा जिले शामिल हैं.
ये ग्रीन हाईवे कानपुर के 96 गांव से होकर गुजरेगा. यानी इन गांव के जिन किसानों की जमीन इससे गुजरेगी. उनकी लॉटरी लगने वाली है. आइए जानते हैं इनमें कौन कौन से गांव शामिल हैं.
यह हाईवे पत्योरा डांडा, देवगांव, गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा , पंधरी, पारा, रैपुरा, इटरा, चंदपुरवा बुजुर्ग, इंगोहटा, अरतरा, परछा, करहिया, छिमौला, मदारपुर, अकौना, रीवन, रतवा, खन्ना, चिचारा, बन्हिगा, बरवई, गौहारी और कबरई से होकर गुजरेगा.
इस ग्रीन हाईवे के बनने का फायदा यूपी के कई जिलों को तो होगा ही. साथ ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से लेकर तेलंगाना तमिलनाडु जाने की राह भी आसान करेगा.
ग्रीन हाईवे के बनने से ट्रैफिक जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा. इससे गुजरने वाले वाहन कानपुर, लखनऊ, बलिया और बहराइच तक कम समय में आसानी से पहुंच सकेंगे.
ग्रीन हाईवे के निर्माण होने के बाद यात्रा का समय कम होगा और यात्रियों का सफर सुविधाजनक बनेगा. क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.