Milkipur Byelection 2025: कौन हैं चंद्रभान पासवान, जिन्होंने मिल्कीपुर उपचुनाव में दर्ज की जीत, सपा को दिखाया आईना
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Milkipur Byelection 2025: कौन हैं चंद्रभान पासवान, जिन्होंने मिल्कीपुर उपचुनाव में दर्ज की जीत, सपा को दिखाया आईना

Milkipur Byelection 2025: भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव जीत लिया है. आइये जानते हैं मिल्कीपुर के मालिक बने चंद्रभान पासवान का राजनीतिक सफर और पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है.

Milkipur Byelection 2025: कौन हैं चंद्रभान पासवान, जिन्होंने मिल्कीपुर उपचुनाव में दर्ज की जीत, सपा को दिखाया आईना

Milkipur By-Election Result 2025: अयोध्या का मिल्कीपुर उपचुनाव बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान ने 61 हजार वोटों के अंतर से जीत लिया है. वे सुबह से लगातार अपने प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद पर बड़े अंतराल बढ़त बनाए हुए थे. भाजपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव में एक नये चेहरे पर जिस भरोसे से दांव लगाया वो पूरी तरह खरा निकला है.  

राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि
चंद्रभान पासवान का परिवार भी राजनीति में सक्रिय रहा है. उनकी पत्नी कंचन पासवान दो बार जिला पंचायत सदस्य चुनी जा चुकी हैं. 2021 के चुनाव में रुदौली चतुर्थ सीट से 11,382 वोटों के बड़े अंतर से जीतकर उन्होंने अपनी लोकप्रियता साबित की थी, इससे पहले 2015 में रुदौली पंचम सीट से भी उन्होंने सबसे अधिक 8,396 वोट हासिल किए थे.

चंद्रभान पासवान के पिता बाबा राम लखन दास भी राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं. वर्ष 2021 में वह ग्राम प्रधान चुने गए. इसके अलावा, उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)से भी जुड़ा हुआ है.  ऐसे चंद्रभान पासवान को राजनीति का अनुभव और साथ भी घर से मिल गया. इसके अलावा उनका कपड़े का कारोबार होने के चलते उनका कनेक्शन गुजरात से भी है. चंद्रभान पासवान का अयोध्या से सूरत तक साड़ी का बड़ा कारोबार है. 

अधिवक्ता से नेता तक का सफर
3 अप्रैल 1986 को रुदौली के परसौली गांव में जन्मे चंद्रभानु पासवान ने बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। पेशे से अधिवक्ता होने के साथ-साथ वह कपड़े और पेपर के व्यवसाय से भी जुड़े हैं. उनका व्यापार सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि गुजरात के अहमदाबाद और सूरत तक फैला हुआ है. चंद्रभानु पासवान वर्तमान में भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं और 2024 के चुनाव में अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख भी रह चुके हैं. 

मिल्कीपुर उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई
यह उपचुनाव भाजपा और सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका था. सपा ने जी जान से अपने किले को बचाने की कोशिश की, इस सीट पर एक बार फिर अपनी जीत पक्की करने के लिए पूरा मुलायम परिवार मैदान में दिखा लेकिन बात बनी नहीं. क्योंकि भाजपा के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा की जंग से कम नहीं था. सीएम योगी ने खुद आधा दर्जन से ज्यादा मिल्कीपुर में चुनावी सभाएं और दौरे किये. 

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