Kumbh Mela 2025: इन दिनों कुंभ मेला का असर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी देखा जा रहा है. ऐसे में लोगों की चाहत यही है कि करीब 144 साल बाद बने इस पवित्र महाकुंभ के मौके पर संगम में डुबकी लगाएं. लेकिन क्या आपको पता है कि वेदों में सात तरह के स्नान बताए गए हैं.
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Kumbh Mela 2025: इन दिनों कुंभ मेला का असर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी देखा जा रहा है. ऐसे में लोगों की चाहत यही है कि करीब 144 साल बाद बने इस पवित्र महाकुंभ के मौके पर संगम में डुबकी लगाएं. इसके लिए लोग अपने-अपने तरफ से प्रयास भी कर रहे हैं. चूकि लोग इस पवित्र मौके पर प्रयागराज पहुंचकर पवित्र संगम में डुबकी लगाएं इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है.
संगम स्नान को लेकर प्रयागराज आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए यूपी प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. संगम में डुबकी लगाने वाले लोगों के लिए प्रशासन की ओर से कई तरह की सुविधाएं दी जा रही है. लेकिन क्या आपको पता है कि वेदों में सात तरह के स्नान बताए गए हैं.
ये है पहला और दूसरा स्नान
पहला है आग्नेयाम. इस स्नान के तहत पहले पैर और हाथ को अच्छे से साफ किया जाता है. इसके बाद पूरे शरीर को भस्म से साफ किया जाता है. हालांकि, इस दौरान भस्म में पानी की मात्रा नहीं मिलाई जाती है. यानी कि बिना पानी के इस स्नान को संपन्न किया जाता है.
दूसरा है वरुणम- इस स्नान के तहत व्यक्ति नदी में या अपने घर में शुद्ध जल से स्नान करता है. इसके जरिए इंसान न सिर्फ तन की शुद्धि करता है बल्कि मन को भी हल्का कर लेता है. साथ ही शरीर में किसी भी तरह के किटाणु और जिवाणु को धुलकर उसे दूर कर देता है. आम जन-जीवन में लोग इस स्नान को अपनाते हैं.
ऐसे होता है वैदिक स्नान
तीसरे नंबर है ब्रह्मम. इस स्नान के तहत इंसान पैर, हाथ और हृदय पर जल छिड़कता है. हालांकि इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप करना होता है. अक्सर गृहस्थ लोग इस स्नान से दूरी बनाकर चलते हैं. वहीं चौथे नंबर पर है वायव्यम. इस स्नान के तहत इंसान पशुओं द्वारा उड़ाई गई धूल में खुद को ले जाता है. जिसके बीच रहकर इंसान खुद को स्नान किया हुआ मानता है.
पांचवे नंबर पर दिव्यस्नानम. इस स्नान के तहत कोई इंसान उत्तरायण के दौरान सूर्य के सामने सीधे बारिश के पानी में स्नान करता है. वहीं छठे नंबर पर आता है कपिलम. इस दौरान इंसान गीले कपड़े से शरीर को साफ करता है. सातंवा और अंतिम स्नान है गायत्र्यम. इसके जरिए इंसान शरीर पर 10 बार जल डालते हुए गायत्री मंत्र का जाप करता है.