'पब्लिक बिल्डिंग्स में बच्चों के लिए कमरे करें सुनिश्चित', बच्चों को दूध पिलाने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
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'पब्लिक बिल्डिंग्स में बच्चों के लिए कमरे करें सुनिश्चित', बच्चों को दूध पिलाने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पब्लिक बिल्डिंग्स में बच्चों की देखभाल और शिशुओं को दूथ पिलाने के लिए अलग-अलग कमरों की जरूरत पर जोर दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस तरह के सुविधा केंद्रों के बनने से मां की निजता बनी रहेगी और बच्चों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.

 

'पब्लिक बिल्डिंग्स में बच्चों के लिए कमरे करें सुनिश्चित', बच्चों को दूध पिलाने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट  ने बुधवार को सार्वजनिक भवनों में बच्चों की देखभाल और शिशुओं के दूध पिलाने के लिए अलग कमरा बनाने पर जोर दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. जस्टिस बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति प्रसन्न बी वराले की बेंच ने कहा कि इस तरह के सुविधा केंद्रों के बनने से मां की निजता बनी रहेगी और बच्चों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.

अदालत ने कहा कि मौजूदा सार्वजनिक स्थानों पर, जहां तक ​​संभव हो राज्य सरकारें यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि मां और बच्चों को ऐसी सुविधाएं मिले. कोर्ट ने कहा,‘जहां तक पब्लिक प्लेसेस पर प्लानिंग और कंस्ट्रक्शन
 के फेज में सार्वजनिक भवनों का सवाल है, राज्य सरकारें यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि इन मकसदों के लिए पर्याप्त स्थान रिजर्व्ड हो.’ 

शीर्ष अदालत सार्वजनिक स्थानों पर शिशुओं और मां को दूध पिलाने के लिए कमरा या कोई अन्य सुविधाएं स्थापित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. केंद्र के वकील ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव ने 27 फरवरी, 2024 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरीज और एडमिनिस्ट्रेटर्स को इस मुद्दे पर एक लेटर जारी किया था.
 
कोर्ट ने क्या कहा?
बेंच ने कहा कि उसे पता है कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोई नोटिस जारी नहीं किया है, और सचिव के संचार पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें याचिका में उल्लिखित अनुरोधों को शामिल किया गया है. कोर्ट ने कहा, ‘इसके अवलोकन से हमें पता चला है कि सार्वजनिक स्थानों पर उक्त सुविधाएं स्थापित करने की सलाह का मकसद गोपनीयता सुनिश्चित करना और छोटे बच्चों वाली माताओं के कर्तव्यों के निर्वहन में आसानी और शिशुओं के फायदे के लिए है.’ 

कोर्ट ने दिया ये आदेश 
पीठ ने कहा कि यदि राज्यों द्वारा इस सलाह पर अमल किया जाता है, तो यह युवा माताओं के शिशुओं को दूध पिलाते समय गोपनीयता की सुविधा प्रदान करने में काफी मददगार साबित होगा. कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और केंद्र को दो सप्ताह के भीतर उसके निर्देश का पालन करने के लिए कहा. ( भाषा इनपुट के साथ )

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