आजाद भारत में पहली बार हो रही देरी, 14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक, मोदी सरकार पर सोनिया का हल्ला बोल
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आजाद भारत में पहली बार हो रही देरी, 14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक, मोदी सरकार पर सोनिया का हल्ला बोल

Sonia Gandhi on Caste Census: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार इतनी देरी हो रही है, जो जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी वो अभी तक नहीं हुई, जिसकी वजह से 14 करोड़ लोग अपने हक से महरूम हैं. 

आजाद भारत में पहली बार हो रही देरी, 14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक, मोदी सरकार पर सोनिया का हल्ला बोल

Sonia Gandhi: सीनियर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सोमवार को सरकार से जल्द से जल्द जनगणना पूरी करने की मांग की. उन्होंने कहा कि देश में लगभग 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाले फायदों से वंचित हो रहे हैं. राज्यसभा में अपने पहले ज़ीरो आवर भाषण में सोनिया गांधी ने कहा कि नेशल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना की बुनियाद पर पर की जा रही है, जबकि अब जनसंख्या इससे काफी बढ़ चुकी है.

'14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक'

सोनिया गांधी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार दस-वर्षीय जनगणना चार साल से ज्यादा की देरी से हो रही है. इसे 2021 में किया जाना था लेकिन अभी तक सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है कि इसे कब पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बजट आवंटन को देखते हुए ऐसा लगता है कि इस साल भी जनगणना नहीं होगी. इस वजह से लगभग 14 करोड़ योग्य भारतीय अपने अधिकारों से वंचित रह रहे हैं. 

10 साल हो पुरानी हो चुकी जनगणना

उन्होंने बताया कि 2013 में यूपीए सरकार के ज़रिए शुरू किया गया यह कानून देश के 140 करोड़ लोगों को भोजन और पोषण सुरक्षा देने के लिए लाया गया था. कोरोना महामारी के दौरान इस कानून ने करोड़ों गरीब परिवारों को भुखमरी से बचाने में मदद की. सोनिया ने आगे कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों का कोटा अभी भी 2011 की जनगणना की बुनियाद पर तय किया जा रहा है, जबकि यह जनगणना अब 10 साल से भी पुरानी हो चुकी है.

5kG मुफ्त अनाज दे रही सरकार

नेशनल फूड सिक्योरिटी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की 75% और शहरी क्षेत्रों की 50% आबादी को सस्ते दरों पर अनाज मिलता है, जो 2011 की जनगणना के मुताबिक लगभग 81.35 करोड़ लोगों के लिए तय किया गया था. वर्तमान में सरकार प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो मुफ्त अनाज दे रही है. उन्होंने सरकार से मांग की कि वह जल्द से जल्द जनगणना पूरी करे और यकीनी बनाए कि सभी जरूरतमंद लोगों को फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत उनका हक मिले. उन्होंने कहा,'फूड सिक्योरिटी कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि एक बुनियादी अधिकार है.'

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