PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस में है. उनके विजन की दुनिया कायल है. इस बीच उनका 2006 का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उस वीडियो में उनकी दूरदृष्टि देखकर पता चलता है कि वो हमेशा 20 साल आगे की सोचते हैं.
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PM Modi Viral Video: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की दुनिया कायल है. उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का टारगेट सेट किया है. जिस हिसाब और रफ्तार से भारत दुनिया की तीसरी इकॉनमी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से विकसित भारत का सपना डेडलाइन से कहीं पहले पूरा हो सकता है. पीएम मोदी की दूरदर्शिता का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को 'मोदी आर्काइव' अकाउंट से साझा किया गया है. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पीएम मोदी किसी भी क्षेत्र के लिए 20 साल आगे का विजन रखते हैं. वह जो सोचते हैं उसका फायदा आगे आने वाले समय में देखने को मिलता है.
2006 का वीडियो बात 2026 की
'मोदी आर्काइव' एक्स अकाउंट पर शेयर पीएम मोदी से जुड़े वीडियो से भी इसी बात का पता चलता है. यह वीडियो पीएम मोदी का 2006 का बताया जा रहा है, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस वीडियो में पीएम मोदी ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत के बारे में बात करते हुए नजर आते हैं. आज इतने साल बाद जिस गति से सौर ऊर्जा (ऊर्जा के इस नवीकरणीय स्रोत) की डिमांड बढ़ी है उससे साफ पता चलने लगा कि वह हमेशा ही 20 साल आगे की सोचते थे.
'मोदी आर्काइव' ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, '2006 का पीएम मोदी का भाषण, जो साबित करता है कि वे हमेशा 20 साल आगे की सोचते थे. आज जब भारत ने 100 गीगावॉट की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता को पार कर लिया है तो उस व्यक्ति को नजरअंदाज करना असंभव है, जिसने यह सब शुरू किया. वह नेता जिसने सौर ऊर्जा में निवेश करने का साहस किया, जब दूसरे लोग हिचकिचा रहे थे. 2006 का यह भाषण सुनें, जिसमें नरेंद्र मोदी भारत और दुनिया के लिए अपने सौर ऊर्जा के लिए विजन को स्पष्टता से रख रहे हैं. वही सोच आज भारत की उल्लेखनीय सौर सफलता के पीछे की यात्रा को उजागर करता है.'
आलोचना करने वाले को गलत साबित कर देते हैं मोदी
'मोदी आर्काइव' के पोस्ट में आगे लिखा गया, उस समय नरेंद्र मोदी की इस सोच की आलोचना करते हुए कहा गया है कि 'यह गुजरात को दिवालिया बना देगा!'.
पीएम मोदी ने सौर ऊर्जा को लेकर उनकी आलोचना करने वाले को गलत साबित कर दिया. 'मोदी आर्काइव' के पोस्ट में बताया गया, 'उस समय सौर ऊर्जा एक महंगी चीज थी, जिसकी कीमत 15 रुपए प्रति यूनिट थी, जबकि पारंपरिक ऊर्जा की कीमत 2 या 3 रुपए प्रति यूनिट थी. आलोचकों ने तुरंत सवाल उठाए. कई लोगों ने तत्कालिन गुजरात के सीएम मोदी के फैसले का मजाक उड़ाया और चेतावनी दी कि वह राज्य को दिवालिया बना देंगे. कुछ ने तो उन्हें इस पर पुनर्विचार करने के लिए मनाने की भी कोशिश की.'
The 2006 Modi Speech That Proves He Was Always Thinking 20 Years Ahead!
Today, as India has surpassed 100 GW of installed solar power capacity, it is impossible to ignore the man who started it all. The leader who dared to invest in solar energy when others hesitated. Listen to… pic.twitter.com/PBXwaCf0UR
— Modi Archive (@modiarchive) February 10, 2025
'मोदी आर्काइव' के पोस्ट में आगे लिखा गया कि एक प्रमुख ऊर्जा वैज्ञानिक ने उनसे पीछे हटने का आग्रह करते हुए कहा था, “मोदी जी, यह उच्च टैरिफ गुजरात की वित्तीय कमर तोड़ देगा.'
साइंटिस्ट ने मानी थी गलती
इस पर नरेंद्र मोदी ने बस मुस्कुराते हुए जवाब दिया, 'भारत की सौर क्षमता का दोहन नहीं किया जा सकता. अगर बहुत कम धूप वाले ठंडे देश इसे काम में ला सकते हैं तो हमें क्यों पीछे हटना चाहिए? आज लागत अधिक है, लेकिन, कल सौर ऊर्जा सबसे सस्ती ऊर्जा स्रोत बन जाएगी. इसके लिए गुजरात देश को रास्ता दिखाएगा.'
इस पोस्ट में आगे लिखा गया कि वह (नरेंद्र मोदी) सही थे. एक दशक के भीतर ही सौर ऊर्जा की लागत गिर गई, जो 15 रुपए प्रति यूनिट से घटकर सिर्फ 2-3 रुपए प्रति यूनिट रह गई. उसी वैज्ञानिक ने बाद में स्वीकार किया कि वो गलत था और मोदी की दृष्टि समय से बहुत आगे थी. (इनपुट- IANS)