Sambhal Riots: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा का मामला अब नया मोड़ ले चुका है. इस घटना से जुड़े मोहम्मद अकील नामक व्यक्ति का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पाकिस्तानी मौलाना मोहम्मद अली मिर्जा से सवाल पूछता नजर आ रहा है.
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Sambhal Riots: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा का मामला अब नया मोड़ ले चुका है. इस घटना से जुड़े मोहम्मद अकील नामक व्यक्ति का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पाकिस्तानी मौलाना मोहम्मद अली मिर्जा से सवाल पूछता नजर आ रहा है. अकील ने दंगों में मारे गए लोगों को "शहीद" कहे जाने को लेकर मौलाना से राय मांगी थी.
पुलिस ने शुरू की जांच
वीडियो के वायरल होने के बाद संभल पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है. पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि दंगों में पत्थरबाजी को लेकर अकील के पास क्या जानकारी है. स्थानीय इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा लिया जा रहा है.
सवाल उठाती सोच
अकील का सवाल और उसका पाकिस्तानी मौलाना से संपर्क करना कई गंभीर सवाल खड़े करता है. वीडियो में उसने पूछा था कि दंगों में मारे गए पत्थरबाजों को "शहीद" माना जाना चाहिए या नहीं. इस सोच ने स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन को हैरान कर दिया है.
पत्थरबाजी: अपराध या शहादत?
पत्थरबाजी न केवल सरकारी काम में बाधा डालती है, बल्कि यह एक संगीन अपराध भी है. ऐसे में अकील का यह सवाल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. जी न्यूज की टीम ने संभल के लोगों से सीधे सवाल किए कि क्या वे इस तरह की सोच का समर्थन करते हैं.
स्थानीय लोगों की राय
संभल के स्थानीय निवासियों से बातचीत के दौरान यह बात सामने आई कि अधिकांश लोग पत्थरबाजों को "शहीद" मानने की सोच से सहमत नहीं हैं. लोगों ने इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ बताया और ऐसे विचारों को खारिज कर दिया.
मोहम्मद अकील की तलाश
पुलिस ने अकील की पहचान और उसके ठिकाने का पता लगाने के लिए स्थानीय लोगों से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि अकील वीडियो में जो बातें कह रहा है, उसका आधार क्या है और वह पाकिस्तानी मौलाना तक कैसे पहुंचा.
पुलिस की कार्रवाई
संभल पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए स्थानीय इंटेलिजेंस और तकनीकी साधनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. पुलिस का मानना है कि जल्द ही अकील को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उससे इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी.
पाकिस्तान कनेक्शन ने बढ़ाई चिंता
अकील का पाकिस्तानी मौलाना से संपर्क करना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी चिंता का विषय बन गया है. यह घटना दिखाती है कि दंगों और हिंसा के मामलों में बाहरी प्रभाव भी हो सकते हैं.