बेमिसाल बेटियां.. हुनर से आत्मनिर्भर बन रहीं गांव की महिलाएं, मोदी सरकार की इस योजना ने कर दिया मालामाल
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बेमिसाल बेटियां.. हुनर से आत्मनिर्भर बन रहीं गांव की महिलाएं, मोदी सरकार की इस योजना ने कर दिया मालामाल

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है. इस योजना के तहत बने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.

बेमिसाल बेटियां.. हुनर से आत्मनिर्भर बन रहीं गांव की महिलाएं, मोदी सरकार की इस योजना ने कर दिया मालामाल

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है. इस योजना के तहत बने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. ये समूह महिलाओं को अपने हुनर को निखारने और उसे एक व्यवसाय में बदलने का अवसर दे रहे हैं. ये महिलाएं अपने हुनर के दम पर न सिर्फ अपने परिवार का सहारा बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं.

हुनर के दम पर आत्मनिर्भरता की ओर कदम

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, जो पहले अपने हुनर को केवल घर तक सीमित रखती थीं, अब इन्हीं कौशलों का उपयोग कर बेहतर आमदनी कमा रही हैं. हिमाचल प्रदेश के नाहन की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वे अपने समूह के साथ मिलकर अचार, पापड़ और अन्य उत्पाद बनाती हैं. इन उत्पादों को स्थानीय बाजार में बेचकर न केवल वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने परिवार की भी बेहतर देखभाल कर पा रही हैं.

स्टॉल लगाने की सुविधा और सरकारी सहयोग

महिलाओं ने बताया कि जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से उन्हें काफी सहयोग मिलता है. स्टॉल लगाने के लिए जगह मुहैया कराई जाती है, जिससे वे आसानी से अपने उत्पाद बेच पाती हैं. नाहन की महिलाओं ने कहा, "एसडीएम की मदद से हमें स्टॉल लगाने की जगह मिली, जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद रही. हम रोजाना यहां अपना सामान बेचते हैं और वापस घर लौट जाते हैं."

आर्थिक मदद और सफलता की कहानियां

समय-समय पर जिला अधिकारियों द्वारा आर्थिक मदद भी की जाती है. इस सहयोग से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अपने व्यवसाय को और विस्तार देने की योजना बना रही हैं. महिलाओं ने बताया कि उनके उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है. जो ग्राहक एक बार खरीदारी करते हैं, वे बार-बार आते हैं.

अचार, पापड़ और चटनी से आत्मनिर्भरता

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अचार, पापड़, जूस और टमाटर की चटनी जैसे उत्पाद बनाती हैं. ये उत्पाद न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि आसपास के इलाकों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं. इन उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद ग्राहकों को बार-बार खरीदने के लिए प्रेरित करता है.

दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहीं महिलाएं

इन समूहों से जुड़ी महिलाएं अपने कार्य और सफलता से अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं. उनकी सफलता की कहानियां यह दिखाती हैं कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से हर महिला आत्मनिर्भर बन सकती है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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