BJP चुनाव समिति बैठक से 4 घंटे पहले ऐसा क्या हुआ, जिससे टल गया राजस्थान पर बड़ा फैसला!
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BJP चुनाव समिति बैठक से 4 घंटे पहले ऐसा क्या हुआ, जिससे टल गया राजस्थान पर बड़ा फैसला!

Rajasthan BJP: 30 सितंबर के बाद जारी होगी अब बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची, परिवर्तन यात्रा, मोदी की सभा, अंदरूनी खिंचतान और रिपोर्ट का इंतजार से टला ऐलान

BJP चुनाव समिति बैठक से 4 घंटे पहले ऐसा क्या हुआ, जिससे टल गया राजस्थान पर बड़ा फैसला!

Rajasthan BJP: आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की 13 सितंबर को हुई बैठक में राजस्थान के प्रत्याशियों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. इस बैठक में एक बार फिर से मध्यप्रदेश के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी करने पर जरूर निर्णय हुआ है. आगामी एक या दो दिन में मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ के लिए बीजेपी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर सकती है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद दूसरी सूची जारी करने की तैयारी कर रही भाजपा राजस्थान में पहली सूची को लेकर भी इतनी देरी क्यों कर रहीं है.

दिल्ली भाजपा मुख्यालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक अब राजस्थान के प्रत्याशियों की पहली सूची के ऐलान के लिए फिलहाल 30 सितंबर या फिर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक का इंतजार करना होगा. केंद्रीय चुनाव समिति से जुड़े सूत्रों की माने तो भाजपा फिलहाल राजस्थान में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है.

गौरतलब है कि बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की 13 सितंबर को हुई बैठक के बारे में यहीं कहा जा रहा था कि इस बैठक में राजस्थान के प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा होगी. इसी कवायद के चलते केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पूर्व ही जी 20 के बीच 9 सितंबर को राजस्थान के बीजेपी के नेता दिल्ली पहुंचे थे. प्रत्याशियों पर मंथन को लेकर 10 सितंबर की शाम को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ की प्रहलाद जोशी के साथ उनके निवास बैठक भी हुई थी.सूत्रों की मानें तो इस बैठक में राजस्थान के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने पर भी चर्चा हुई.

परिवर्तन यात्रा बड़ा कारण

राजस्थान में जारी परिवर्तन यात्रा सबसे बड़ा कारण रही जिसके चलते फिलहाल राजस्थान के प्रत्याशियों की सूची जारी करने को टाल दिया गया. प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने पर परिवर्तन यात्रा पर प्रभाव पड़ सकता था क्योंकि अभी भी कई क्षेत्रों में अपेक्षा के अनुसार इन यात्राओं में भीड़ नहीं आ रही है. फिलहाल टिकट की उम्मीद जताते हुए प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत से परिवर्तन यात्रा में जुटे हुए है, लेकिन लिस्ट जारी करने पर टिकट नहीं मिलने वाले प्रत्याशियों का जोश जरूर ठंडा पड़ सकता था.

संसद का विशेष सत्र

कई संभावनाओं और चर्चाओं के बीच मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है. बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व फिलहाल इस सत्र की तैयारी में जुटा है.
राजस्थान के प्रत्याशियों की सूची जारी करना मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जितना आसान नहीं है, दिग्गज नेताओं को साधने से लेकर जाति, क्षेत्र सहित सभी बिंदुओं पर प्रत्याशियों के चयन में एक लंबी कवायद होनी है इसके चलते भी फिलहाल इसे टाल दिया गया है.

नहीं बन पाई सहमति

सूत्रों के अनुसार कई सीटों पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, राजेन्द्र राठौड़ और प्रदेश प्रभारी के बीच सहमति नहीं बन पाई थी. इस बैठक के साथ ही राजे की एक बैठक हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ भी हुई थी, लेकिन अभी तक राजे के मामले में बीजेपी बेहद सावधानी से आगे बढ़ रही है और यह सावधानी वसुंधरा राजे को काफी विचलित कर रही है.

सूत्रों के अनुसार 10 सितंबर की बैठक के बीच ही राजे समर्थक माने जाने वाले भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश मेघवाल ने 13 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान किया था. गौरतलब है कि 13 सितंबर को ही शाम 6.30 बजे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक तय थी और इस बैठक से करीब 4 घंटे पूर्व ही मेघवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय तय किया था.

राजस्थान बीजेपी से जुड़े एक बीजेपी नेता के अनुसार बीजेपी के आला नेताओं को कैलाश मेघवाल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मजमून की पहले ही जानकारी हो चुकी थी, जिसके चलते भी कहा जा रहा है कि चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान के प्रत्याशियों की चर्चा को टाल दिया गया. प्रदेश में चार स्थानों से शुरू की गयी यात्रा और पार्टी की अंदरूनी उहापोह के चलते ही फिलहाल प्रत्याशियों की पहली सूची को टाल देना उचित माना गया. सूत्रों के अनुसार अब यह सूची 30 सितंबर से पहले जारी नहीं हो पायेगी. यहां तक कि अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक भी इंतजार करना पड़ सकता है.

पहली सूची में होंगे 60—70 नाम

भाजपा राजस्थान की पहली सूची में सबसे पहले 60 से 70 प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती हैं. बीजेपी अपनी पहली सूची में उन सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान करेगी. जहां वह या तो बहुत ही मजबूत स्थिती है या फिर जहां बेहद कमजोर है.

A और D कैटेगरी

पहली सूची के लिए बीजेपी ने A कैटेगरी और D कैटेगरी को प्राथमिकता पर रखा है. वैसे तो इन दो कैटेगरी के तहत बीजेपी ने करीब 116 सीटों को शामिल किया हैं. लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार बीजेपी पहली सूची में A कैटेगरी के तहत 52 विधानसभा सीटों और D कैटेगरी की 19 सीटों पर ही अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है.

तीन चुनावों के परिणाम का विश्लेषण

प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के लिए बीजेपी खास तौर से पिछले तीन विधानसभा चुनावों के परिणाम का विश्लेषण करने में जुटी है. यूं तो 1992 से 2018 तक के विधानसभा चुनावों के परिणाम के अनुसार प्रदेश में 200 में से 52 सीट ऐसी है जहां पर बीजेपी बहुत मजबूत स्थिति है और इन सीटों पर बीजेपी मुश्किल समय में भी अपने मतदाताओं को जोड़े रखने में कामयाब रही है.

2013 और 2018 के चुनाव परिणाम के अनुसार भी इन सीटों पर बीजेपी मजबूत रही है. 52 में से 28 सीटें तो ऐसी है. जहां तीन चुनावों से लगातार बीजेपी ही जीत रही है, वही 24 सीटें ऐसी है जहां बीजेपी 3 में 2 चुनाव जीत चुकी है.

वहीं प्रदेश की 19 सीटें ऐसी है जहां बीजेपी पिछले कई चुनावों में अच्छा नहीं कर पाई है, लेकिन पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है. इन सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान पहली सूची में किया जायेगा.

25 सितंबर को दिखानी होगी ताकत

विधानसभा चुनावों को लेकर प्रदेश के चारों दिशाओं से शुरू की गयी 23 दिन की परिवर्तन यात्रा का समापन 25 सितंबर को होगा. 200 विधानसभा क्षेत्रों और 9 हजार किलोमीटर की यात्रा तय कर जयपुर पहुंचने पर आयोजित होने वाले समापन समारोह में पीएम मोदी शिरकत करेंगे. 25 सितंबर को ही जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती भी है और इस दिन के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश के सभी नेताओं और उम्मीदवारी जता रहे लोगों को जिम्मेदारी दी गयी है.

पार्टी इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में जुटी है और इसमें संभावित प्रत्याशियों के द्वारा किए जाने वाले प्रयासों को भी शामिल किया जायेगा, ऐसे में फिलहाल पहली सूची जारी होने से पहले उम्मीदवारों को बड़ी ताकत दिखानी होगी.

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