नागौर: युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट लगाने के तीन दिन बाद हुआ मेडिकल, दारोगा पर संगीन आरोप
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नागौर: युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट लगाने के तीन दिन बाद हुआ मेडिकल, दारोगा पर संगीन आरोप

 जिले के भावण्डा थाने के माणकपुर गांव के रहने वाले युवक महिपाल को थाने में बुलाकर मारपीट और प्रताड़ित करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीणों के दबाव के बाद युवक का तीन दिन बाद मेडिकल करवाया गया है.

नागौर: युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट लगाने के तीन दिन बाद हुआ मेडिकल, दारोगा पर संगीन आरोप

 

नागौर: जिले के भावण्डा थाने के माणकपुर गांव के रहने वाले युवक महिपाल को थाने में बुलाकर मारपीट और प्रताड़ित करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीणों के दबाव के बाद युवक का तीन दिन बाद मेडिकल करवाया गया है. वहीं, परिजनों ने एसपी से मुलाकात कर थाना प्रभारी (दारोगा) के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है. थाना क्षेत्र के माणकपुर निवासी महिपाल व उनके साथ आए परिजनों का आरोप है कि 4 जनवरी महिपाल दूध की दुकान पर बैठा था.

इसी वक्त भावण्डा थाने की गाड़ी आई और उन्हें जबरदस्ती गाड़ी में डालकर ले गया. जहां थानाधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत व पुलिस स्टाफ ने शराब पीकर उनके साथ संगीन मारपीट की तथा उनके गुप्तांग पर करंट के झटके भी लगाए. जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई. इसके बाद थानाधिकारी प्रजापत ने उनके खिलाफ शराब बेचने का मुकदमा दर्ज कर 5 जनवरी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गयाय इसके बाद हालत गंभीर होने पर 7 जनवरी को उनकी जमानत होने पर जेएलएन अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। जहां उसका इलाज चल रहा है.

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पुलिस की बर्बरता की जांच कराने पर अड़े परिजन

उन्होंने बताया कि पुलिस का अमानवीय व्यवहार यहां भी नहीं रुका और सोमवार को थानाधिकारी व पुलिस के कर्मचारियों ने राजीनामा करने का दवाब बनाया तथा राजीनामा नहीं करने पर पूरे परिवार को जेल भिजवाने की धमकी दी. इसके बाद मूण्डवा वृताधिकारी द्वारा अस्पताल में उनके बयान दर्ज कर मेडिकल करवाया गया, जिस पर महिपाल व उनके परिजनों ने भावण्डा पुलिस द्वारा की गई बर्बरता की जांच करते हुए न्याय दिलवाने की मांग की. इस दौरान मुकेश, सुनिल, रामरतन, रामप्रकाश, रामकिशोर सहित महिलाएं व ग्रामीण मौजूद रहे.

पुलिस ने तीन दिन तक क्यों नहीं करवाया मेडिकल

जब पीड़ित युवक सात जनवरी को जमानत पर रिहा हो कर नागौर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और उसके बाद युवक की हालत गंभीर होने के कारण उसे परिजनों ने नागौर जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया, लेकिन युवक अस्पताल में भर्ती होने के तीन दिन बाद पुलिस द्वारा पीड़ित युवक के बयान लिए जाते हैं और तीन दिन बाद उसका मेडिकल होता है. आखिर क्या पुलिस खुद इस पूरे मामले को दबाना चाहती है . अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित के पिता ने एक परिवाद पेश किया है, जिस संबंध में मूण्डवा वृताधिकारी द्वारा जांच की जा रही है, इसमें सभी पहलुओं व तथ्यों की जांच की जाएगी तथा मूण्डवा वृताधिकारी द्वारा पीड़ित के बयान लिए गए हैं एवं चिकित्सकीय टीम से भी चर्चा की गई है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Reporter- Damodar Inaniya

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