कटारिया के जाने से किसका खुलेगा किस्मत का ताला, वसुंधरा-पूनिया ये बोले
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कटारिया के जाने से किसका खुलेगा किस्मत का ताला, वसुंधरा-पूनिया ये बोले

Rajasthan BJP : गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसकी चर्चा शुरू हो गई हैं. कटारिया के बाद नेता प्रतिपक्ष की किसे जिम्मेदारी मिलती है. उससे अगले सीएम चेहरे का आकलन भी होगा.

कटारिया के जाने से किसका खुलेगा किस्मत का ताला, वसुंधरा-पूनिया ये बोले

Rajasthan BJP : भाजपा के कद्दावर नेता, एक बार सांसद और आठ बार विधायक रहे गुलाबचंद कटारिया ( Gulabchand kataria ) को असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया हैं. दो दिन पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने फोन पर केवल बातचीत कर हालचाल पूछे और आज राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त करने के आदेश जारी हो गए. गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसकी चर्चा शुरू हो गई हैं. कटारिया को राज्यपाल नियुक्त होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा नेता और संगठन के पदाधिकारियों ने उनके आवास पहुंचकर बधाई दी. इतना ही नहीं गहलोत सरकार के मंत्री उदयलाल आंजना ने भी कटारिया के आवास पहुंचकर उन्हे बधाई दी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया हैं. लेकिन विधानसभा नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसकी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. कटारिया को राज्यपाल बनने के बाद जयपुर से लेकर उदयपुर तक खुशी का माहौल हैं. जयपुर में उनके आवास पर पार्टी के नेताओं का बधाई देने का सिलसिला है तो उदयपुर में कटारिया का परिवार में जश्न का माहौल हैं कटारिया ने कहा कि सुबह पूजा करने के बाद मुझे पता चला की मुझे असम राज्य का राज्यपाल बना दिया गया हैं. हालांकि दो दिन पहले जरूर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझे फोन करके हालचाल पूछे थे लेकिन राज्यपाल बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होने कहा की आरएसएस संघ के संस्कार से में यहां तक पहुंचा हूं. मेरी यात्रा का आधार भगवान एकलिंगनाथ हैं हम सब मेवाड़वासी उन्हीं को आदर्श मानते हैं. मैने दिवंगत भैरोसिंह शेखावत की लाइन पर चलने का प्रयास किया. हालांकि मुझमें उनकी बराबरी करने की कूबत नही हैं.

कटारिया की गिनती राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में होती है. आरएसएस के स्वयंसेवक फिर जनसंघ और बीजेपी के शुरुआती नेताओं में से कटारिया प्रमुख रहे हैं. कटारिया राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष रहने के साथ आठ बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं. राजस्थान का में कर्जदार हूं जिन्होने सामान्य व्यक्ति को यहां तक पहुंचाया. प्रभू और जनता के आशीर्वाद के बिना ये संभव नहीं हैं. सामान्य व्यक्ति को इस योग्य समझा. मैने कभी कोई पद नहीं मांगा, जो दिया उसे ईमानदारी से निभाया. में इस दौड में कभी नहीं रहा मुझे क्या बनना है क्या नहीं. लेकिन अब जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरी ईमानदारी से निभाउंगा और न्याय देने की कोशिश करूंगा. मुझे इस लायक समझा गया है तो मैं बिल्कुल उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा. कटारिया ने राज्यपाल बनने के बाद उदयपुर डिविजन में पार्टी को होने वाले नुकसान के सवाल पर जवाब देते हुए कहा की मैं सोचता हूं बीजेपी में व्यक्ति आधारित कुछ नहीं होता है. बीजेपी का संगठन नीचे तक बहुत सशक्त है. अब पार्टी में वह कमी नहीं है कि किसी के जाने से असर पड़ जाए. हमारा तो हर कार्यकर्ता मजबूत है. जिसे जो जिम्मेदारी मिलती है, वो उसे पूरी करता है. भाजपा कैडर बेस पार्टी है और कार्यकर्ताओं की पार्टी है. इसलिए एक व्यक्ति के पद से हटने पर दूसरा जिम्मेदारी को निभाता है.

कटारिया ने राज्यपाल नियुक्त होने के बावजूद गहलोत सरकार पर हमला बोला

उन्होंने बजट पर पूछे गए सवाल पर कहा कि सीएम गहलोत ने 2013 और उससे पहले भी रेवड़ी बांटने की कोशिशें की थीं. .लेकिन चुनाव में उनका क्या हुआ सबको पता है. मान्यता प्राप्त विरोधी दल जितनी भी सीटें कांग्रेस को नहीं मिली थीं. .उन्होंने इस बजट में कपोल कल्पित घोषणाओं का अम्बार लगाया है. .जब पैसा ही नहीं है, तो ये घोषणाएं पूरी कैसे होंगी, रेवेन्यू में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. 2013 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस 21 सीट पर सिमट गई थी, उससे भी बुरी दुर्गति इस बार होगी.

गुलाबचंद कटारिया को असम के राज्यपाल नियुक्त होने पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड, विधायक प्रतापसिंह सिंघवी,विधायक रामलाल शर्मा, सांसद दुष्यंत सिंह भी पहुंचे .सभी ने कटारिया को लड्ड्रू और माला पहनाकर बधाई दी. वसुंधरा राजे ने कहा की भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया को बडी और नई जिम्मेदारी दी हैं. कटारिया का ओजस्वी और प्रभावी व्यक्तित्व एवं राजनीतिक अनुभव असम की उन्नति का नया अध्याय लिखेगा. लेकिन राजस्थान से दूर जा रहे है तो मिस बहुत किया जाएगा .कटारिया अनुभवी और संजीदगी से काम करने वाले नेता हैं. पूरे राजस्थान में गुलाबचंद कटारिया का नाम है और उदयपुर संभाग को कटारिया ने पूरे प्यार से संभाला हैं.

उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा की राजस्थान विधानसभा में मुखरता से जनता की आवाज बुलंद करने वाले, शुचिता की राजनीति के पर्याय हैं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया. उनका दीर्घकालिक राजनीतिक अनुभव असम राज्य की समृद्धि, खुशहाली और सम्पन्नता का मार्ग प्रशस्त करेगा. भाजपा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने बधाई देते हुए कहा की कटारिया ने पांच दशक से ज्यादा पार्टी में काम करके संगठन को मजबूत बनाने का काम किया. मंत्री रहे लेकिन आज तक एक रूपए का आरोप नहीं लगा.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा गुलाबचंद कटारिया वो तपस्वी राजनेता है जिन्होंने मेवाड़ में जनकल्याण का कार्य करते हुए मजबूत किया. भाजपा को धरातल पर मजबूत करने का काम करने के साथ विधानसभा में आक्रामक तेवर दिखाते हुए सदन में सरकार को झुकाया. इतना ही नहीं भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा गहलोत सरकार के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी कटारिया को बधाई देने के उनके आवास पहुंचे. और गले लगकर कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त होने पर बधाई दी. आंजना ने कहा की कटारिया को असम का राज्यपाल बनाकर मेवाड का सम्मान बढा हैं. राजनीति अलग हैं लेकिन व्यक्तिगत तौर पर हम एक हैं. 

बहरहाल, गुलाबचंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनने से प्रदेश भाजपा समीकरण भी बदलेंगे. .कटारिया के बाद नेता प्रतिपक्ष की किसे जिम्मेदारी मिलती है. उससे अगले सीएम चेहरे का आकलन भी होगा. .गुलाबचंद कटारिया का जन्म 13 अक्टूबर 1944 को राजसमंद के देलवाड़ा में हुआ था. कटारिया ने एमए, बीएड और एलएलबी तक पढ़ाई की है. .उनकी पांच बेटियां हैं. .हायर एजुकेशन के बाद वे उदयपुर में प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगे थे. कॉलेज के समय में आरएसएस से जुड़ गए. कटारिया जनसंघ के दिग्गज नेता सुंदरसिंह भंडारी और भानुकुमार शास्त्री के साथ काम करने लगे थे. कटारिया आठ बार विधायक रह चुके हैं. इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में 1977 में पहली बार विधायक बने. उसके बाद 1980 में भी जीते. कटारिया 1993 में उदयपुर शहर से जीते. .1998 में बड़ी सादड़ी से विधायक बने, इसके बाद लगातार उदयपुर शहर से विधायक हैं.

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