Rajasthan News: राजस्थान सरकार महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में निरंतर नए आयाम स्थापित कर रही है. महिलाओं और बच्चों के पोषण, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं.
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Rajasthan News: राजस्थान सरकार महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में निरंतर नए आयाम स्थापित कर रही है. महिलाओं और बच्चों के पोषण, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह इन योजनाओं को और प्रभावी बनाए और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों पर पॉजिटिव निर्णय ले. जिससे यह अभियान और सशक्त हो सके.
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पिछले बजट से क्या-क्या कार्य किए गए सरकार के द्वारा और अब इस बार बजट से क्या उम्मीद है. महिलाओं के पोषण को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मातृत्व पोषण योजना नवंबर 2020 में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ एवं बारां में प्रारंभ की गई थी.
इस योजना का विस्तार 1 अप्रैल 2022 से पूरे प्रदेश में किया गया. जिसके अंतर्गत द्वितीय संतान के जन्म पर 6000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. राज्य में आंगनबाड़ियों को सुदृढ़ करने हेतु मिशन सक्षम आंगनबाड़ी के तहत 365 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए गए हैं.
साथ ही 6204 मिनी आंगनबाड़ियों को मुख्य आंगनबाड़ियों में क्रमोन्नत किया गया. करौली, बारां, धौलपुर में 213 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए. 25,000 आंगनबाड़ियों के सुदृढ़ीकरण हेतु अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के साथ समझौता (MOU) किया गया. ग्राम साथिनों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई.
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 45 लाख लाभार्थियों (बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाएं) को दिया जा रहा माइक्रोन्यूट्रिएंट फोर्टिफाइड पूरक पोषाहार किशोरी बालिका योजना के तहत जैसलमेर, धौलपुर, करौली, सिरोही और बारां जिलों में 45,000 किशोरियों को पूरक पोषाहार मिल रहा है.
3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर दूध पाउडर उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही प्री-स्कूल एजुकेशन के तहत 17 लाख बच्चों को विविध गतिविधि आधारित पुस्तकों की सहायता से शैक्षणिक तैयारी कराई जा रही है.
लाडो प्रोत्साहन योजना
बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सात किश्तों में कुल 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है. वहीं उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत 788 ऋण अनुदान स्वीकृत किए गए हैं. कालीबाई भील उड़ान योजना के तहत 1.22 करोड़ महिलाओं एवं बालिकाओं को प्रतिमाह 12 निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
महिला हेल्पलाइन (181) के माध्यम से 9,000 से अधिक मामलों में महिलाओं को सहायता प्रदान की गई. प्रदेश में वन स्टॉप सेंटर/सखी केंद्र की संख्या बढ़कर 37 हो गई. जहां लगभग 6,000 मामलों में महिलाओं को राहत मिली.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार के 2025 बजट से कई उम्मीदें हैं. 1-सम्मानजनक मानदेय, केंद्र के न्यूनतम मजदूरी के अनुरूप मानदेय प्रदान किया जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से हर विभाग के कार्य करवाए जाते हैं, लेकिन मानदेय ऊंट के मुहं में जीरे के समान मिलता है. अतिरिक्त कार्य का इंसेटिव नहीं दिया जाता है.
आंगनबाड़ी केंद्रों का समायोजन
बाल वाडियों को आंगनबाड़ी केंद्रों में समायोजित किया जाए. आंगनबाड़ी कर्मियों को 2-3 लाख रुपये की सेवानिवृत्ति राशि लागू होने के बाद इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए. साथ ही 5000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था की जाए. फेस रीडिंग सिस्टम को हटाकर केवल OTP आधारित सिस्टम लागू किया जाए या उचित मूल्य की दुकानों की तरह पोस्ट मशीन की सुविधा दी जाए.