Jaipur News: जयपुर में लगातार वकील एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट का मांग कर रहे हैं मांग को लेकर वकीलों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है. अधिवक्ता दस मार्च को विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे. वकीलों ने आंदोलन को लेकर प्रदेश स्तरीय रूपरेखा तय की है.
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Jaipur News: एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर वकीलों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है. प्रोटेक्शन कानून को लागू कराने की मांग को लेकर शहर के अधिवक्ता दस मार्च को विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे. वहीं सोमवार को प्रोटेक्शन कानून की मांग करते हुए हाईकोर्ट सहित शहर की अधीनस्थ अदालतों में वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर कोर्ट में पैरवी नहीं की. वकीलों की ओर से पैरवी नहीं करने के चलते अदालतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. कई मामलों में पक्षकार स्वयं पेश होकर अपना पक्ष रख रहे हैं. हालांकि अधिकांश मामलों में कोर्ट सुनवाई के लिए आगामी तारीख दे रही है.
वकीलों ने आंदोलन को लेकर प्रदेश स्तरीय रूपरेखा तय की है. इसके तहत 28 फरवरी को हर बार एसोसिएशन में सुंदरकांड आयोजित किया जाएगा और स्थानीय विधायक को प्रतिवेदन सौंपा जाएगा. वहीं एक मार्च को हर बार एसोसिएशन सद्बुद्धि यज्ञ करेंगी. इसके साथ ही दो मार्च को सभी जिला और तहसील मुख्यालयों पर सभा कर वकील प्रदर्शन करेंगे. वकीलों ने तय किया है कि तीन मार्च को बार एसोसिएशन के सभागार में प्रदेश की सभी बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की महापंचायत होगी. गौरतलब है कि बीते दिनों जोधपुर में भूमि विवाद के चलते एक वकील की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई.
वकीलों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग की और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर अदालतों का न्यायिक बहिष्कार कर दिया. हालांकि सरकार के आश्वासन के चलते घटना के कुछ दिन बाद मृत वकील का अंतिम संस्कार कर दिया गया. वकील आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लागू नहीं होने तक न्यायिक बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं.
लगातार वकील एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट का मांग कर रहे हैं. पिछले साल भी दौसा जिला अभिभाषक संघ ने कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एक ज्ञापन सौंपा और मांग था की पूर्व से लंबित चल रहे एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को तत्काल लागू किया जाए. साथ ही अधिवक्ता कल्याण निधि में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा लिए गए प्रस्ताव का भी अनुमोदन हो जो पिछले ढाई साल से लंबित है.
Reporter- Mahesh Pareek