Dholpur: नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने के मामले में 2 मुल्जिमों को दस-दस वर्ष की सजा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1452261

Dholpur: नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने के मामले में 2 मुल्जिमों को दस-दस वर्ष की सजा

राजस्थान में धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने बसेड़ी थाना इलाके में वर्ष 2020 में दर्ज हुए 16 वर्षीय नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने के मामले में दो मुल्जिमों को दोषी करार देते हुए उसे दस-दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

Dholpur: नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने के मामले में 2 मुल्जिमों को दस-दस वर्ष की सजा

Dholpur: धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने बसेड़ी थाना इलाके में वर्ष 2020 में दर्ज हुए 16 वर्षीय नाबालिग द्वारा आत्महत्या करने के मामले में दो मुल्जिमों को दोषी करार देते हुए उसे दस-दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश जमीर हुसैन ने सजा सुनाते हुए मुल्जिम बंटी उर्फ़ मनोज और हरिकेश को आईपीसी की धारा 457 और 306 में दोषी करार दिया जाकर सजा सुनाई है.

यह भी पढे़ं- विधानसभा चुनाव: राहुल गांधी से इस नेता ने मांगी माफी, कहा- नासमझी की वजह से हो गई थी गलती

विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के बसेड़ी थाना इलाके का है, जहां एक परिवादी ने पुलिस थाना बसेड़ी पर मामला दर्ज कराया कि 21 सितम्बर 2020 की मध्यरात्रि को वह घर के बाहर सो रहा था. तभी घर के अंदर कमरे में से रोने चिल्लाने की आवाज आ रही थी. जब देखा तो बंटी उर्फ़ मनोज और हरिकेश कमरे में से भागते हुए निकले. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि उसकी पुत्री ने उससे रोते हुए कहा कि दोनों मुल्जिमों ने बुरा काम कर मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा और कमरे में आत्महत्या कर ली. घटनास्थल से बंटी उर्फ़ मनोज और हरिकेश को परिजनों ने पकड़ लिया लेकिन हरिकेश भाग निकल गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसन्धान के दौरान हरिकेश को गिरफ्तार कर दोनों मुल्जिमों को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया, जो न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं.

एक साथ चलेंगी दोनों सजाएं
लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसेन ने आज सोमवार को मुल्जिमान बंटी उर्फ़ मनोज पुत्र पोथीराम और हरिकेश पुत्र दीवान सिंह को आईपीसी की धारा 457, 306 में दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 306 में दस-दस वर्ष का कठोर कारावास और 50-50 हजार रूपये जुर्माना एवं आईपीसी की धारा 457 में पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास और 10-10 हजार रूपये के जुर्माना से दण्डित किया हैं. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी.

Reporter- Bhanu Sharma

Trending news