Chittorgarh News: ACB के हत्थे चढ़े रिश्वतखोर सरपंच और सचिव, बिल पास करवाने के एवज में मांगे थे 70 हजार रुपये
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Chittorgarh News: ACB के हत्थे चढ़े रिश्वतखोर सरपंच और सचिव, बिल पास करवाने के एवज में मांगे थे 70 हजार रुपये

चित्तौड़गढ़ में एसीबी ने एक धमाकेदार कर्रवाई  को अंजाम देकर भ्रष्ट सरपंच और सचिव को आज 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. ल पास होने की एवज में ठेकेदार से रिश्वत की मांग की थी. 

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Chittorgarh News: यह मामला चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय का है, जहां नए साल की शुरुआत में ही चित्तौड़गढ़ एसीबी ने एक धमाकेदार कर्रवाई  को अंजाम देकर भ्रष्ट सरपंच और सचिव को आज 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. सहनवा ग्राम पंचायत के सरपंच भैरूलाल और सचिव दीपक ने पंचायत के मार्फत बोजूंदा में बनने वाले सरकारी विद्यालय के दो कमरों का 7 लाख 65 हजार रुपये की राशि का बिल पास होने की एवज में ठेकेदार से रिश्वत की मांग की थी. 

जानकारी में आया है कि सरपंच और सचिव काफी समय से ठेकेदार से पास होने वाले 7 लाख 65 हजार राशि के बिल की से अलग-अलग 15-15 फिसदी कमिशन यानी रिश्वत की मांग कर रहे थे और लगातार ठेकेदार को दफ्तर के चक्कर कटवा रहे थे. छोटी सी राशि में बड़ा कमिशन देने की ठेकेदर की हैसियत नही थी, ऐसे में ठेकेदार दोनों के आगे कमिशन न लेने के लिए गिड़गिड़ाता रहा, हाथ जोड़ता रहा लेकिन दोनों रिश्वतखोरों को ठेकेदार पर दया नहीं आई. वे लगातार ठेकेदार को रिश्वत देने के लिए दबाव बनाते रहे. 

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आखिरकार दोनों भ्रष्टाचारियों को ठेकेदार पर थोड़ा रहम आया और उन्होंने बिल की रकम 7 लाख 80 हजार में से 65 हजार की राशि छोडकर 7 लाख रुपये में से 5-5 फीसदी कमिशन यानि दोनों के 35-35 हजार रुपये लेने को राजी हो गए लेकिन तब तक सरपंच और सचिव से बुरी तरह परेशान हो चुका ठेकेदार दोनों भ्रष्टाचारियों को उनकी कारगुजारियों की सजा दिलवाने का मन बना चुका था. 

 पिड़ित ठेकेदार भ्रष्टाचारियों को उनके किए की सजा दिलवाने के लिए एक दिन पहले, यानी बुधवार को चित्तौड़गढ मुख्यालय स्थित एसीबी कार्यालय में पेश हुआ और एसीबी के एडिशनल एएसपी विक्रम सिंह के सामने दोनों भ्रष्टाचारियों का काला-चिट्ठा खोल कर रख दिया. एसीबी एडिशनल एएसपी विक्रम सिंह ने भी बिना एक पल गवाए. उसी दिन रिश्वतखोरी के मामलें का सत्यापन करवाया और दोनों भ्रष्टाचारियों को टारगेट पर लेकर धर दबोचने का प्लान बना लिया.

अगले दिन यानी आज गुरुवार को एसीबी की योजना मुताबिक ठेकेदार ने भ्रष्टाचारियों को रिश्वत की राशि देने की पेशकश की और सरपंच-सचिव की बताई जगह यानी कलेक्ट्रेट से थोडी ही दूर सीएमएचओ कार्यालय के सामने पहुंच गया. चित्तौड़गढ़ एसीबी भी पहले से भ्रष्टाचारियों को पकड़ने का जाल बिछा चुकी थी. ठेकेदार सरपंच-सचिव के बताए समय करीब डेढ़ बजे के आसपास उनकी बताई जगह सीएमएचओ कार्यालय के सामने दोनों के हिस्से के 35-35 हजार यानि कुल 70 हजार रुपये लेकर पहुंच गया.

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हालांकि बताई जगह पर केवल सरपंच भैरूलाल ही ठेकेदार का इंतजार करता मिला. ठेकेदार ने जब सचिव दीपक चतुर्वेदी के हिस्से के 35 हजार रुपये देने बारे में पूछा तो पर सरपंच भैरूलाल ने सचिव दीपक के पंचायत समिति कार्यालय के होने की बात कही. वहीं, ठेकेदार की सचिव से फोन पर बात बात करवा दी, जिसमें सचिव ने उसके हिस्से की रिश्वत राशि भी सरपंच को देने को कह दिया. 

तकनीकी उपकरणों से पूरे मामलें पर पैनी नज़रे गढाए बैठी एसीबी टीम को इसकी जानकारी मिलते ही टीम के सदस्य दो टुकड़ों में बट गए, जिसमें एक टीम तुरंत ही पंचायत समिति कार्यालय के सामने पहुंच गई. लेनदेन की बातचीत पूरी होते ही जैसे ही सरपंच भैरूलाल ने ठेकेदार से रिश्वत की राशि 70 हजार रुपये अपने हाथों में ली. सीएमएचओ ओफिस और पंचायत समिति के सामने अलग-अलग जगह जाल बिछाकर बैठे एसीबी टीम के सदस्यों ने सरपंच और सचिव को मौके से दबोच लिया और एसीबी कार्यालय ले आई. अब एसीबी की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है. 

चित्तौड़गढ एसीबी के एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि सहनवा ग्राम पंचायत कार्यालय और भ्रष्टाचारियों के आवास पर टीम ने दबिश देकर आवश्यक दस्तावेज जुटाए हैं. दोनों ही आरोपियों को कल उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ के बाद जेल भेजने की तैयारी की जाएगी, जहां एक ओर दोनों भ्रष्टाचारी सरपंच और सचिव के एसीबी के हत्थे चढने के बाद पंचायती राज विभाग में खलबली मची है. 

वहीं, भाजपा की भजनलाल सरकार बनने के बाद चित्तौड़गढ़ में साल की शुरुआत में हुई एसीबी की पहली कार्रवाई को बड़ी उपलब्धी माना जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र से सीधे तौर पर जुडे पंचायती राज विभाग में आए दिन भ्रष्टाचार के मामलें सामने आने के बाद जहां भजनलाल सरकार वीत्तीय लेन देन में पारदर्शिता लाने के लिए  सिस्टम की कार्यप्रणाली को लगभग पूरी तरह ओनलाइन कर चुकी है. वहीं, जानकारों की माने तो पंचायती राज विभाग में अब भी ऐसे कई भ्रष्टाचारियों का बोल बाला है, जो किसी न किसी तरह सिस्टम को धत्ता बता कर काली कमाई की रास्ते निकाल ही लेते है तो दूसरी ओर एंटी करप्शन ब्यूरों महकमा भी भ्रष्टाचारियों को जेल की हवा खिलाने में पीछे नहीं है.   नतिजन एसीबी की भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक के बाद एक ट्रैप की कार्रवाई देखने को मिल रही हैं. 

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