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Agnipath Protest: केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. इसका बहुत विरोध भी हुआ था. विरोध प्रदर्शन में कई ट्रेनों को जलाया भी गया था. ऐसे में सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ आंदोलन के दौरान रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
संसद में रेल मंत्री ने दिया जवाब
राज्यसभा में एक जवाब में, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि 2022 में, रेलवे संपत्ति के नुकसान या विनाश के कारण भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वैष्णव ने कहा, 'अग्निपथ योजना शुरू होने के बाद हुए आंदोलन की वजह से सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं में व्यवधान के कारण यात्रियों को दी गई धनवापसी की राशि के संबंध में अलग से डाटा नहीं रखा गया है. हालांकि, 14 से 30 जून की अवधि के दौरान, कुल धनवापसी ट्रेनों को रद्द करने के लिए लगभग 102.96 करोड़ रुपये दिए गए थे.'
राज्य की सरकारें जिम्मेदार
रेल मंत्री ने सदन को बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा, इसलिए, राज्य सरकारें अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) / जिला पुलिस के माध्यम से रेलवे पर अपराध की रोकथाम, पता लगाने, पंजीकरण और जांच और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं.
मंत्री ने राज्यसभा में आगे बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और उससे जुड़े मामलों के लिए जीआरपी / जिला पुलिस के प्रयासों का पूरक है. रेलवे संपत्ति सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, नष्ट करने के मामले संबंधित जीआरपी/राज्य पुलिस द्वारा आईपीसी और रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज और जांच की जाती है.
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