एक नाबालिग प्रेमी जोड़े ने शादी करने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने अपनी उम्र ज्यादा बताई थी. जब कोर्ट ने इसकी जांच कराई तो सच्चाई का पता चला. इसके बाद कोर्ट ने शादी की मंजूरी देने से इनकार कर दिया और अवमानना के तहम कार्रवाई करने पर विचार करने लगी.
Trending Photos
नई दिल्ली: एक प्रेमी जोड़े को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab-Haryana High Court) को गलत जानकारी देना उस वक्त भारी पड़ गया जब अदालत ने कहा-क्यों न उन पर अवमानना (Contempt of Court) के तहत कार्रवाई की जाए.
दरअसल, प्रेमी जोड़े ने शादी के लायक उम्र न होने के बावजूद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को शादी के योग्य बताया था. उन्होंने याचिका में अपनी उम्र बढ़ाकर दिखाई थी. जब मामले की तहकीकात हुई तो पता चला की लड़का व लड़की दोनों हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह योग्य आयु नहीं रखते. झूठ का पता चलने पर जज साहब ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए लड़के व लड़की दोनों के खिलाफ हाई कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई शुरू कर दी.
गौरतलब है कि फतेहाबाद जिले के गांव जाखल निवासी एक लड़के और लड़की ने हाई कोर्ट में अपने घरवालों से जान का खतरा बताकर सुरक्षा की मांग की थी. दोनों ने हाई कोर्ट को बताया कि लड़के की उम्र 21 साल व लड़की की उम्र 20 साल है. जब हाई कोर्ट ने लड़की के परिजनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया तो उन्होंने कोर्ट को बताया कि लड़की की उम्र केवल 17 साल है. जो कि नाबालिग की श्रेणी में आती है. हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि दोनों का विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मान्य नहीं है. लेकिन यह मुद्दा नहीं है. उनको जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.
ये भी पढ़ें:- मुफ्त कोरोना वैक्सीन, 20 लाख रोजगार के चुनावी वादे को बिहार कैबिनेट में मिली मंजूरी
हाई कोर्ट ने एसएचओ जाखल को दोनों को सुरक्षा देने का आदेश देते हुए एसपी फतेहाबाद को लड़का व लड़की की उम्र की जांच के आदेश दिए. इस पर सरकार की तरफ से रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु तथा स्कूल प्रमाण पत्र पेश कर कोर्ट को बताया गया कि लड़का 21 साल का है, जबकि लड़की 18 साल से कम उम्र की है. इस जवाब पर लड़का व लड़की की तरफ से हाई कोर्ट से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. कोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए दोनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह न करने व हाई कोर्ट में गलत जानकारी देने पर संज्ञान लेकर उनसे पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए. हाई कोर्ट ने एसपी फतेहाबाद को भी इस मामले में जवाब देने का आदेश दिया है.
LIVE TV