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इस देश में मुद्दा वक्फ हो या 370, तीन तलाक हो या UCC ओवैसी साहब का एक ही एजेंडा विरोध करो, क्योंकि यही एजेंडा उनकी राजनीति को सूट करता है, वहीं दूसरी बीजेपी एजेंडा तय है कि जो-जो बातें घोषणापत्र में कही है उसको तो पूरा करेंगे ही. इस विजन वाले खास मिशन में मोदी सरकार ने पहले धारा 370 खत्म की, फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाए और अब वक्फ बिल को बजट सत्र में पेश करने की तैयारी है. वहीं बीजेपी शासित राज्यों में UCC लाने की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ चुकी है. उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. इन सबके बीच औवैसी साहब मुस्लिमों को भड़काने के अपने एजेंडे पर लगातार चल रहे हैं. उसके इतर मोदी सरकार अपनी समय सीमा के हिसाब से मिशन मोड में काम कर रही है.
ओवैसी कर रहे विरोध
असदुद्दीन ओवैसी लगातार कह रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि वक्फ संशोधन बिल आने नहीं देंगे. एक इंच जमीन भी नहीं लेने देंगे. दूसरी ओर, UCC यानी समान नागरिक संहिता कानून अब गुजरात में भी लागू होने जा रहा है. इस डर से वहां के मुस्लिम स्कॉलर अलग ही मूड में हैं. कह रहे हैं- UCC के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. हालांकि उनके मोर्चा खोलने से भला फर्क किसे पड़ता है?
सरकार को तो कम से कम बिल्कुल नहीं. सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर फर्क पड़ता तो मुस्लिमों के विरोध के बाद भी गुजरात में UCC लागू करने के लिए कमेटी का गठन थोड़े ही होता. गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐलान कर दिया कि उत्तराखंड की तरह उनके राज्य में भी UCC आ रहा है.
गुजरात में UCC मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रंजना देसाई के नेतृत्व एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया है.
गुजरात में UCC लागू करने के लिए 5 लोगों की कमेटी बनाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना देसाई कमेटी की अध्यक्ष बनाई गई हैं.
कमेटी 45 दिन में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी.
सरकार फुल स्पीड से बढ़ रही
गुजरात सरकार में गृहमंत्री हर्ष संघवी भी अपनी सरकार की तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं. UCC के खिलाफ उत्तराखंड में भी एक तबके की ओर से विरोध प्रदर्शन हुआ और अब गुजरात में भी आवाज़ उठाई जा रही है. ठीक उसी तरह जैसे पूरे देश में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. लेकिन वक्फ बिल पर बनी JPC कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की गारंटी है- कि बिल आएगा और ये, सबके हित में होगा.
बजट सत्र में वक्फ बिल संसद में पेश होने की संभावना है. संसद में संख्या बल और बीजेपी की रणनीति को देखते हुए उम्मीद यही है कि ये बिल भी पास हो जाएगा. मतलब साफ है औवैसी हंगामा करते रहेंगे. बीजेपी अपने एजेंडे पर आगे बढ़ती रहेगी.