New Delhi News: अमेरिका से भारत भेजे जाने वाले भारतीयों का मुद्दा गरमाया है. इसी बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि हमने हमेशा से मुद्दा उठाया है कि लोगों के साथ उचित व्यवहार किया जाए. साथ ही बताया अभी और कितने लोग भारत आएंगे.
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New Delhi News: अमेरिका से भारत भेजे गए लोगों को लेकर मुद्दा गरमाया है. जो लोग वहां से आए उनकी हाथों में हथकड़ियां लगी हुई थी. जिस पर विपक्ष भी सरकार पर तंज कस रहा है. इसी बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि हमने हमेशा से मुद्दा उठाया है कि निर्वासित लोगों के साथ भी उचित व्यवहार किया जाए. इस मामले को लेकर वो लगातार अमेरिका के संपर्क में है. उन्होंने ये भी बताया कि अभी और कितने भारतीय डिपोर्ट होंगे.
उन्होंने कहा कि जल्द ही निर्वासन के लिए और उड़ानें भारत आएंगी. साथ ही कहा कि हम दुर्व्यवहार के किसी भी मामले को उठाते रहेंगे जो हमारे ध्यान में आएगा और बताया कि निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है.
यह कुछ ऐसा है जिस पर विदेश मंत्री (ईएएम) ने भी कल संसद में जोर दिया था, मैं भारत को एक असहयोगी देश के रूप में वर्णित करना स्वीकार नहीं करूंगा. दुनिया का कोई भी देश अगर अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करना चाहता है तो उसे यह आश्वासन चाहिए होगा कि जो भी वापस आ रहा है वह भारत का नागरिक है. इसके साथ वैधता के मुद्दे जुड़े हैं, इसके साथ सुरक्षा के मुद्दे जुड़े हैं.
इसके साथ सुरक्षा के मुद्दे जुड़े हैं, उन्होंने कहा कि जब हमने अमेरिका से संभावित वापसी करने वालों के बारे में विवरण मांगा है. हमें बताया गया है कि अंतिम निष्कासन आदेश वाले 487 संभावित भारतीय नागरिक हैं. इसमें भारत को 298 व्यक्तियों के होने का ब्यौरा प्रदान किया गया है. सैन्य विमान के उपयोग पर, उन्होंने कहा, "परसों जो निर्वासन हुआ वह कई वर्षों से हो रही उड़ानों की तुलना में कुछ अलग है और यह थोड़ा अलग तरह का है.
पीएम की यात्रा पर भी बोले
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर पीएम मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की आधिकारिक कार्य यात्रा पर जाएंगे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के उद्घाटन के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा करने वाले पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे और यह तथ्य कि नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर ही प्रधानमंत्री को अमेरिका की यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है, भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और यह अमेरिका में इस साझेदारी को मिलने वाले द्विदलीय समर्थन को भी दर्शाता है.