MP Cabinet Expansion: सिंधिया समर्थक इतने विधायकों को मिली CM मोहन यादव के कैबिनेट में जगह, ऐसा है समीकरण
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MP Cabinet Expansion: सिंधिया समर्थक इतने विधायकों को मिली CM मोहन यादव के कैबिनेट में जगह, ऐसा है समीकरण

Jyotiraditya Scindia Supporter Minister: मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को इस बार भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. 

सिंधिया समर्थक इतने मंत्री

CM Mohan Yadav Cabinet: मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव ने अपने पहले मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है. कुल 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. जिनमें 18 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है, जबकि 6 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 विधायकों को राज्यमंत्री बनाया है. खास बात यह है कि पिछली सरकार की तरह इस बार भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. हालांकि इस बार सिंधिया समर्थक मंत्रियों की संख्या घट गई है. 

सिंधिया समर्थक ये मंत्री बने विधायक 

तुलसी सिलावट 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाने वाले तुलसी सिलावट को एक बार फिर से मंत्री बनाया गया है. उन्हें शिवराज सरकार में भी मंत्री बनाया गया था. सिलावट इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट से छटवीं बार विधायक चुने गए हैं. 

गोविंद सिंह राजपूत 

गोविंद सिंह राजपूत को भी एक बार फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. उन्हें भी सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है. गोविंद सिंह राजपूत सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं. वह पिछली सरकार राजस्व एवं परिवहन मंत्री थे. 

प्रद्युम्न सिंह तोमर 

ग्वालियर विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी फिर से मंत्री बनाया गया है, तोमर पिछली सरकार में ऊर्जा विभाग के मंत्री थे. इस बार भी उन्होंने बड़ी जीत हासिल की है. वह भी सिंधिया के खास माने जाते हैं. 

कम हुआ दबदबा 

ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक केवल 3 मंत्रियों को इस बार विधायक बनाया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार सिंधिया समर्थकों का दबदबा मंत्रिमंडल में कम रहेगा. पिछली सरकार में सिंधिया समर्थक 10 से ज्यादा मंत्री शामिल थे. लेकिन इस बार प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र सिंह यादव मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकामयाब रहे. इसके अलावा सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को हार का भी सामना करना पड़ा है. 

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