chhota bheem death-उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मशहूर बाघ छोटा भीम की भोपाल के वन विहार में मौत हो गई. छोटा भीम का पिछले दो महीनों से जारी था, कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर के कारण उसने दम तोड़ दिया. पिछले साल 30 नबंवर को छोटा भीम को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया था. गले में क्लच वायर का फंदा फंसने से वह बुरी तरह से घायल हो गया था.
भोपाल भेजे जाने के बाद कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि छोटा भीम की सेहर में सुधार हो रहा है. यह बाघ पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय था
सांस लेने में हो रही थी परेशानी
जानकारी के अनुसार, छोटा भीम के गले में क्लच वायरल फंसने से चोट की वजह से उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी. बताया जा रहा है कि गले में लगी चोट की वजह से इंफेक्शन लगातार बढ़ता जा रहा था, चोट को डॉक्टर ठीक नहीं कर पाए थे. भोपाल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान संचालक ने बताया है कि नर बाघ छोटा भीम, जो उपचार हेतु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया से 30 नवंबर 2024 को घायल अवस्था में लाया गया था, उपचार के दौरान बाघ मौत हो गई है.
बुरी तरह से हुआ था घायल
30 नवंबर 2024 में छोटा भीम को खितौली परिक्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था, उसके गले में दो पहिया वाहन के क्लच वायर से बना हुआ फंदा कसा हुआ था. छोटा भीम ने फंदे से छूटने के लिए काफी प्रयास किया था, जिसके कारण फंदा उसके गले में काफी अंदर तक धंस गया था. जिसकी वजह से वह बुरी तरह से घायल हो गया था. गंभीर स्थिति को देखते हुए बाघ को तत्काल इलाज के लिए भोपाल के वन विहार भेजा गया था. बाघ के शव का चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम पोस्टमॉर्टम करेगी, जिससे मौत के कारणों का पता लगाया जा सकेगा.
बाघ डी-वन से संघर्ष
इस घटना के कुछ दिन पहले छोटा भीम का डी वन बाघ से भी संघर्ष हुआ था, जिसमें उसके पैर में चोट लग गई थी. बताया जा रहा है कि यह बाघ अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता था और पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय था.
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