रब ने बना दी जोड़ी! विधवा बहू और विधुर दामाद की करवाई शादी, दोनों के सास-ससुर ने मिलाया
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रब ने बना दी जोड़ी! विधवा बहू और विधुर दामाद की करवाई शादी, दोनों के सास-ससुर ने मिलाया

खंडवा जिले में एक अनोखी शादी हुई है. जहां एक विधवा बहू के सास-ससुर और विधुर पति के सास-ससुर ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए समाज को संदेश देने का काम करते हुए पुनर्विवाह करवाया है.

रब ने बना दी जोड़ी! विधवा बहू और विधुर दामाद की करवाई शादी, दोनों के सास-ससुर ने मिलाया

प्रमोद सिन्हा/खंडवाः जिले में हुए एक पुनर्विवाह ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए समाज को संदेश देने का काम किया है. यहां एक विधवा बहू के लिए सास ससुर ने पति और विधुर पति के लिए भी सास-ससुर ने बहू की तलाश की. दोनों पक्षों के सास-ससुरों ने नए पति और बहू की तलाश करके उसकी सुनी जिंदगी को संवारने का काम किया है. ससुर ने अपनी बहू को बेटी की तरह विदा किया. इस पुनर्विवाह की सबसे खास बात यह थी कि विधवा बहू और विदुर दामाद के लिए रिश्ता तलाशने से लेकर शादी कराने का जिम्मा दोनों पक्षों की ओर से माता-पिता के बजाए सास-ससुर ने निभाया.

जानिए पूरा मामला
दरअसल खरगोन निवासी रामचंद्र राठौर और गायत्री राठौर के बेटे अभिषेक का पांच साल पहले हार्टअटैक से निधन हो गया था. इससे बहू मोनिका और सात साल की पोती दिव्यांशी उदास रहने लगी. इनकी परेशानी देख सास-ससुर ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ बहू का पुनर्विवाह कराने का मन बनाया. आखिरकार पांच साल की मेहनत काम आई और उन्होंने अपनी बहू के लिए वर तलाश लिया. और खंडवा निवासी दिनेश की वर के रूप में तलाश पूरी हुई. 

गायत्री मंदिर में संपन्न हुई शादी
उनका रिश्ता भी माता-पिता ने नहीं बल्कि सास-ससुर ने ही तय किया. दिनेश की पत्नी समिता का कोरोना में निधन हो गया था. दिनेश की दो बेटियां हैं. इसलिए इन बेटियों के भविष्य की खातिर दिनेश की सास शकुंतला राठौर और ससुर मोहनलाल राठौर को दामाद के लिए बहू की तलाश थी, जो पूरी हुई और शनिवार को खंडवा के गायत्री मंदिर में गायत्री पद्धति से जिला न्यायालय में स्टेनो दिनेश और मोनिका का पुनर्विवाह संपन्न कराया गया.

जानिए क्या कहा वर दिनेश ने
दिनेश बताते हैं कि पिछले साल कोरोना से पत्नी के निधन के बाद गहरा सदमा लगा था. इसके बाद ससुराल वालों ने पुनर्विवाह को लेकर मुझसे चर्चा की. निश्चित रूप से पुनर्विवाह के पहले तमाम तरह की बातें ध्यान में आई. लेकिन हमने समाज को संदेश देने का फैसला किया. बच्चों के भविष्य की भी चिंता थी. मेरे सास-ससुर ने कहा जीवन लंबा है, दूसरा विवाह कर लो. उन्हीं ने हमारे लिए जीवनसाथी की तलाश की. दिनेश न केवल अपने सास-ससुर बल्कि अपनी नवविवाहित पत्नी के सास ससुर का धन्यवाद करते हैं और बताते हैं कि इनके जैसा संदेश समाज को आपस में जुड़ेगा और बहू बेटी के अंतर को खत्म करेगा.

जानिए क्या कहा बहु के पहले ससुर ने
ससुर से पिता बने रामचंद्र राठौर कहते हैं- कि कन्यादान के समय मेरे समधी ने मुझसे कहा था कि मेरी बेटी की जिम्मेदारी अब आपकी है. जब शादी के तीन साल बाद मेरे बेटे अभिषेक का निधन हुआ तो बहू मोनिका की हालत देखकर मैं सहम जाता था. उस समय मुझे मेरे समधी के कन्यादान के समय शब्द मेरे जेहन में आए. उसी दिन मैंने तय कर लिया कि बहू के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर सकता. उसका पुनर्विवाह करवाकर रहूंगा. पांच साल की मशक्कत के बाद योग्य वर ढूंढने में कामयाब रहा. अब मोनिका इस घर में बहू की तरह नहीं बेटी की तरह आएगी.

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