Who Was Gopan Swami: गोपन स्वामी के बेटे राजसेनन और अन्य परिवार के सदस्यों ने पुलिस की कार्यवाही का कड़ा विरोध किया, वह नहीं चाहते थे कि किसी भी कीमत पर समाधि को तोड़ा जाए. जानें कौन थे गोपन स्वामी, क्यों खुदवाई गई समाधि.
Trending Photos
Gopan Swami Samadhi: पुलिस ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिनकारा के निकट 69 साल के व्यक्ति का शव खोदकर निकाला, जिसके परिवार ने दावा किया था कि उसने समाधि ले ली थी. कड़ी सुरक्षा के बीच नेय्याट्टिनकारा पुलिस ने समाधि वाली जगह को खोदा और शव को बरामद किया. मृतक की पहचान गोपन स्वामी के रूप में हुई है. जांच की कार्यवाही पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. इससे पूर्व, पुलिस ने व्यापक सुरक्षा उपाय किए थे जिसमें एक फोरेंसिक सर्जन के नेतृत्व में मेडिकल टीम के साथ इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
खुदाई के दौरान बैठी अवस्था में मिला शव
खुदाई के दौरान शव बैठी हुई अवस्था में मिला. पुलिस सूत्रों के अनुसार, समाधि वाली जगह के अंदर ‘विभूति’ सहित विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री मिली है. तिरुवनंतपुरम के उप-जिलाधिकारी अल्फ्रेड ओ. वी. ने कहा, ‘‘हमने परिवार के सदस्यों से बातचीत की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.’’ मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस आगे की जांच करेगी और पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया जाएगा. परिवार के सदस्यों और स्थानीय निवासियों के एक वर्ग के विरोध के बाद पुलिस ने सोमवार को शव को निकालने की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया था.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद तोड़ी गई समाधि
इसके बाद परिवार ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया और पुलिस को ‘समाधि’ स्थल को ध्वस्त करने, उसकी खुदाई के प्रयास से रोकने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया. हालांकि, अदालत ने जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि जांच एजेंसियों को ऐसे व्यक्तियों से जुड़े मामलों की जांच करने का अधिकार है जो लापता हो जाते हैं या संदिग्ध परिस्थितियों में मर जाते हैं. अदालत ने कहा कि इस मामले में कुछ संदिग्ध लग रहा है, इसलिए जांच को रोका नहीं जा सकता. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से जांच को लेकर उसकी आशंकाओं के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि उसके पति की मौत कैसे हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव का पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को ही होगा. नेय्याट्टिनकारा पुलिस को राजस्व संभागीय अधिकारी (आरडीओ) से शव को पोस्टमार्टम के लिए खोदकर निकालने का आदेश मिला था, जिसे संदिग्ध परिस्थितियों में दफनाया गया था. घटना का पता तब चला जब व्यक्ति के आवास के पास पोस्टर लगे थे, जिसमें लिखा था, ‘‘गोपन स्वामी ने समाधि ले ली है.’’
कौन थे गोपन स्वामी?
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और निवासियों द्वारा उनकी मौत में गड़बड़ी का आरोप लगाने की शिकायत के बाद शव को खोदकर निकालने का फैसला किया. गोपन स्वामी के बेटे राजसेनन ने दावा किया कि उनके पिता पिछले शुक्रवार को रात करीब साढ़े 11 बजे समाधि स्थल पर गए और समाधि ले ली. उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि गोपन स्वामी ने परिवार को निर्देश दिया था कि वे उनके शव को लोगों की नजरों से दूर रखें और उसे दफना दें. विशेष समाधि स्थल का निर्माण गोपन स्वामी ने करवाया था, जो एक पुजारी थे. उन्होंने नेय्याट्टिनकारा के कावुविलकम में अपनी जमीन पर एक मंदिर की स्थापना भी की थी. इनपुट भाषा से