जुमे की नमाज पढ़ने नहीं दी, चार हफ्ते से नजरबंद हूं, कश्मीर के इस मुस्लिम नेता का छलका दर्द
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जुमे की नमाज पढ़ने नहीं दी, चार हफ्ते से नजरबंद हूं, कश्मीर के इस मुस्लिम नेता का छलका दर्द

Mirwaiz Umar Farooq: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक शुक्रवार को भी श्रीनगर की जामा मस्जिद में नमाज अदा नहीं कर पाए. हालांकि, उनके दावे पर कश्‍मीर पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

जुमे की नमाज पढ़ने नहीं दी, चार हफ्ते से नजरबंद हूं, कश्मीर के इस मुस्लिम नेता का छलका दर्द

Kashmir News in Hindi: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें लगातार चौथे सप्ताह घर में नजरबंद रखा गया और श्रीनगर की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा नहीं करने दी गई. कश्मीर के मुख्य मौलाना मीरवाइज ने आरोप लगाया कि उन्हें शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने से रोका गया. पुलिस ने उनके इस आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

मेरे पास सब्र है: मीरवाइज उमर फारूक

मीरवाइज ने ‘एक्स’ पर लिखा, 'पुलिस की एक गाड़ी को रास्ता रोकने के लिए खड़ा कर दिया गया और अधिकारियों ने मौखिक रूप से बताया कि आज जुमे की नमाज के लिए जामा मस्जिद जाने नहीं दिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह लगातार चौथा जुमा है जब मुझे जामा मस्जिद जाने से रोका जा रहा है जहां लोग बड़ी संख्या में मजलिस ए वाज में शिरकत करने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं.' मीरवाइज ने कहा कि अधिकारियों के पास अधिकार हैं, लेकिन 'मेरे पास सब्र और परमात्मा का यह वादा है' कि अल्लाह उन लोगों के साथ है जो सब्र रखते हैं.

मीरवाइज उमर फारूक ने दी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि

फारूक ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया. फारूक ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से दुखी हैं. उन्होंने सिंह को सद्भाव के लिए प्रतिबद्ध राजनेता बताया. सिंह (92) का गुरुवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया. मीरवाइज ने X पर कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन से दुखी हूं. मुझे उनके प्रधानमंत्री रहने के दौरान और उससे पहले हुई हमारी मुलाकातें याद हैं, जहां कश्मीर पर बातचीत और सीमाओं के पार लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने को लेकर उनकी ईमानदारी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी.'

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फारूक ने कहा कि सिंह खुली सीमाओं और पड़ोसियों के साथ स्थायी शांति में विश्वास करते थे तथा हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ खुले मन से बातचीत करते थे. उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह एक राजनेता थे जो सद्भाव और समाधान के लिए प्रतिबद्ध थे. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, उनकी आत्मा को शांति मिले.' (भाषा इनपुट)

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