जनवरी के तापमान ने तोड़ा 1901 का रिकॅार्ड, दर्ज किया गया तीसरा सबसे गर्म महीना, ये है वजह
Advertisement
trendingNow12627161

जनवरी के तापमान ने तोड़ा 1901 का रिकॅार्ड, दर्ज किया गया तीसरा सबसे गर्म महीना, ये है वजह

Weather News: पिछले कई सालों के मुताबिक इस साल जनवरी का तापमान काफी ज्यादा रहा. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस साल जनवरी का तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस था, जो 0.94 डिग्री सेल्सियस अधिक था.

जनवरी के तापमान ने तोड़ा 1901 का रिकॅार्ड, दर्ज किया गया तीसरा सबसे गर्म महीना, ये है वजह

Weather News: हर साल की तरह इस साल भी कुछ हद तक लोगों को ठंड का एहसास हुआ. अब भी सुबह- शाम हवाओं की वजह से ठंड महसूस हो रही है. हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जनवरी के तापमान को लेकर आंकड़ा जारी किया है. जिसके मुताबिक यह पता चला है कि इस साल 1901 के बाद तीसरी सबसे गर्म जनवरी रही है. गर्म तापमान को लेकर विभाग ने कई वजहें बताई है. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक इस साल जनवरी का तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस था, जो 0.94 डिग्री सेल्सियस अधिक था. इसी तरह न्यूनतम तापमान में 1.04 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की गई. जिसकी वजह से अखिल भारतीय मासिक औसत न्यूनतम तापमान 12.51 डिग्री सेल्सियस हो गया, जो 124 वर्षों में पांचवां सबसे गर्म जनवरी था. 

मौसम विभाग ने गर्म जनवरी के लिए कई चीजों को जिम्मेदार ठहराया है. जिसमें ला नीना का कमजोर चरण और ठंडी लहरें हैं. जानकारी के अनुसार भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के साथ समुद्र का पानी असामान्य रूप से ठंडा हो गया. जो जनवरी में भारत के एक बड़े हिस्से के मौसम से बचने का एक कारण है. इसके अलावा कई दिनों तक दक्षिण और पूर्वी हवाएं भी चलती रही. 

इसके अलावा जानकारी मिली है कि सर्दियों के मौसम में, उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाकों और उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी मुख्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ की धाराओं के कारण होती है. पूर्व की ओर चलने वाली ये धाराएं नमी लेकर आती हैं. जनवरी की बात करें तो पश्चिमी विक्षोभ की सात धाराएं उत्तर भारत में चलीं. 

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने इसे लेकर बताया कि ज़्यादातर पश्चिमी विक्षोभ अरब सागर से आने वाले शुष्क रहे, ऐसे में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को कवर करते हुए पश्चिमी हिमालय में सामान्य से कम बारिश या बर्फबारी हुई. 

इसके अलावा बतादें कि उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में केवल कुछ ही दिनों में बारिश और बर्फबारी हुई, जिससे जनवरी का महीना काफी हद तक सूखा रहा. वहीं पिछले महीने आईएमडी के बारिश के आंकड़ों से पता चला कि देश में सामान्य से 72 प्रतिशत कम बारिश हुई. सबसे ज़्यादा बारिश की कमी वाले क्षेत्र मध्य भारत (-96 प्रतिशत) और उत्तर-पश्चिम भारत (-80 प्रतिशत) रहे. 

मौसम विभाग ने इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में गर्म फ़रवरी का पूर्वानुमान लगाया है, जिसमें अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों सामान्य से ऊपर रहने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में देखने वाली बात होगी की सूरज की तपिश कितनी तेज होती है. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news